थावे-छपरा रेलखंड पर मुश्किल हुआ सफर

गोपालगंज : पूर्वोत्तर रेलवे के थावे-छपरा रेलखंड पर ट्रेनों में सफर करना मुश्किल हो गया है. यहां आमान परिवर्तन से पहले छोटी लाइन थी. तब छह जोड़ी ट्रेनें चलती थीं. अब रेलवे ने आमान परिवर्तन कर इस रेलखंड को बड़ी लाइन कर दी है. लोगों को लगा कि बड़ी लाइन होने पर ट्रेनों की संख्या […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 22, 2019 6:59 AM

गोपालगंज : पूर्वोत्तर रेलवे के थावे-छपरा रेलखंड पर ट्रेनों में सफर करना मुश्किल हो गया है. यहां आमान परिवर्तन से पहले छोटी लाइन थी. तब छह जोड़ी ट्रेनें चलती थीं. अब रेलवे ने आमान परिवर्तन कर इस रेलखंड को बड़ी लाइन कर दी है. लोगों को लगा कि बड़ी लाइन होने पर ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और लंबी दूरी के लिए भी ट्रेनें मिलेंगी. लोगों का यह सपना अधूरा रह गया.

छह जोड़ी ट्रेन के बदले महज एक जोड़ी ट्रेन थावे-छपरा रेलखंड पर चल रही है. आमान परिवर्तन का काम 31 मार्च 2015 से शुरू हुआ था, जो 10 मई 2017 को पूरा हुआ था. तब से एक जोड़ी ट्रेन ही चल रही है. जदयू सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन ने रेल मंत्री से ट्रेनों की संख्या छह जोड़ी के बदले एक जोड़ी किये जाने पर सवाल पूछा है.
सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रश्न उठाते हुए कहा कि गोपालगंज से महानगरों में बड़ी संख्या में लोग इलाज, व्यापार, पढ़ाई और नौकरी करने के लिए जाते हैं. लोगों की परेशानी को देखते हुए वैशाली सुपरफास्ट और बिहार संपर्कक्रांति समेत अन्य मेल को सीवान से डायवर्ट कर थावे से होकर दिल्ली तक चलायी जाये. वहीं थावे-छपरा रेलखंड पर पांच जोड़ी और ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाये.
सफर हो जायेगा आसान
रेलवे की ओर से सीवान से होकर जानेवाली सुपरफास्ट ट्रेनों का परिचालन डायवर्ड करके थावे की ओर से चलाया जाता है तो तीन लोकसभा क्षेत्रों के लोगों के लिए सफर आसान हो जायेगा. थावे-छपरा, थावे-गोरखपुर रेलखंड से महाराजगंज, गोपालगंज व कुशीनगर के यात्री सफर करते हैं. यहां से लंबी दूरी के लिए ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं हो सका. पाटलिपुत्रा स्टेशन तक ट्रेनों को चलाने की मांग की जा रही है.
सीवान-छपरा का है अपना अलग रूट
सीवान व छपरा लोकसभा के लोगों के लिए लंबी दूरी की कई ट्रेनें चल रही हैं. इन जिलों का अपना अलग दो-दो रेलवे के रूट हैं, जिसमें हर घंटे दिल्ली समेत अन्य जगहों के लिए ट्रेनें चल रही हैं. वहीं गोपालगंज के लोगों को लंबी दूरी की ट्रेन पकड़ने के लिए सीवान या गोरखपुर जाना पड़ता है.
पूर्व रेलमंत्री ने किया था रेलमंडल का शिलान्यास : पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद ने एक मार्च, 2009 को अपने कार्यकाल में थावे में रेलमंडल बनाने के लिए प्रस्ताव पारित कराने के बाद शिलान्यास किया था. मंत्रालय से हटने के बाद मामला खटाई में पड़ा. इधर, लोकसभा के पिछले सत्र में सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन के एक प्रश्न पर रेलमंत्री ने थावे जंक्शन पर यार्ड की व्यवस्था नहीं होने पर थावे से लंबी दूरी के लिए ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं होने का जवाब दिया था जिसके बाद रूट डायवर्ट करने की मांग उठी है.
एक नजर में छपरा थावे रेलखंड
थावे से छपरा कचहरी की दूरी – 107 किमी
थावे से छपरा जंक्शन की दूरी – 111 किमी
थावे से छपरा के बीच स्टेशन – 11
थावे से छपरा तक कुल हॉल्ट – 12
थावे से छपरा तक कुल ट्रेनें – एक जोड़ी
आमान परिवर्तन शुरू हुआ – 10 मई 2017

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