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प्राकृत, भोजपुरी स्नातकोत्तर में नामांकन शुरू करने की मांग

आरा : छात्र संगठन आइसा और छात्र राजद ने महाराजा विधि महाविद्यालय की मान्यता रद्द कर दूसरे महाविद्यालय से टैग करने की कुलपति द्वारा जारी नोटिस के खिलाफ और लोकप्रशासन, प्राकृत, भोजपुरी विभाग में स्नातकोत्तर में नामांकन नहीं लेने के खिलाफ सोमवार को कुलपति के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. सैकड़ों छात्रों ने इतिहास विभाग से […]

आरा : छात्र संगठन आइसा और छात्र राजद ने महाराजा विधि महाविद्यालय की मान्यता रद्द कर दूसरे महाविद्यालय से टैग करने की कुलपति द्वारा जारी नोटिस के खिलाफ और लोकप्रशासन, प्राकृत, भोजपुरी विभाग में स्नातकोत्तर में नामांकन नहीं लेने के खिलाफ सोमवार को कुलपति के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. सैकड़ों छात्रों ने इतिहास विभाग से मार्च निकाला और प्रशासनिक भवन पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया. वहां कुलपति के खिलाफ जमकर आक्रोशपूर्ण नारेबाजी की.

छात्रों ने कुलपति की तानाशाही नहीं चलेगी, टैगिंग के नाम पर लॉ कॉलेज को बंद करने का आदेश वापस लो, कैंपस है हम छात्रों का, वीसी की जागीर नहीं, जैसे आक्रोशपूर्ण नारे लगाये. सभा का संचालन आइसा जिलासचिव रंजन कुमार ने किया. सभा को संबोधित करते हुए आइसा के पूर्व राज्यसचिव और इनौस के राज्य अध्यक्ष अजीत कुशवाहा ने कहा कि टैगिंग के नाम पर लॉ कॉलेज को बंद करने का खेल बंद करे विश्वविद्यालय प्रशासन.
पूरे देश में भाजपा सरकार सार्वजनिक शैक्षणिक संस्थानों को मर्ज करने के नाम पर बंद कर रही है और निजी शैक्षणिक संस्थानों को खोल रही है. आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार ने कहा कि कुलपति का यह नोटिस पूरी तरह से नियम के खिलाफ है और इस तरह के तुगलकी फरमान जारी करना उनके तानाशाही रवैये को दिखाता है.
पूरे जिले में एकमात्र यही सस्ता लॉ कॉलेज है, जिसकी फीस बहुत ही कम है. जिसमें आम छात्र अपनी पढ़ाई कर सकते थे. लेकिन कुलपति इसका भी मान्यता रदद् कर किसी दूसरे महाविद्यालय से टैग करना चाहते हैं. जबकि महाराजा विधि महाविद्यालय को 1965 में ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है और कुलपति का कोई अधिकार नहीं बनता इस महाविद्यालय को बंद करने का.
वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लोकप्रशासन, प्राकृत, भोजपुरी सहित कई अन्य विभागों को बंद करने की साजिश है. इन विभागों में स्नातकोत्तर में नामांकन बंद है. सरकार छात्रों के लिए नये कॉलेज-विश्वविद्यालय नहीं बना रही, लेकिन टैग के नाम पर छात्रों के कम नामांकन होने के नाम पर पूरे देश भर में कॉलेज और विभागों को बंद कर रही है.
दो घंटे लगातार सभा चलने के बाद प्रतिकुलपति, रजिस्ट्रार और कुलानुशासक छात्रों से वार्ता करने के लिए आये. सभी मुद्दों पर गंभीरता से बात हुई और 12 दिसंबर को आइसा और छात्र राजद के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को कुलपति से वार्ता कराने की बात अधिकारियों ने कही.
सभा को एसबी कॉलेज छात्र संघ प्रतिनिधि व आइसा नेता लालजी शर्मा, राजेश कुमार, छात्र राजद नेता रवि ठाकुर, मंटू कुमार और अन्य लोगों ने संबोधित किया. इस प्रदर्शन में आइसा जिलाध्यक्ष पप्पू कुमार, छात्र राजद पूर्व जिलाध्यक्ष भीम यादव, एसबी कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष सुधीर कुमार, अंशु राज, धीरन, चंदन, रणधीर, कमलेश, दीपांकर, संजीत, गांगुली, चंदन, दीपक सहित कई लोग शामिल थे.

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