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दुकानों में ताला बंद कर दुकानदार सड़क पर उतरे, िकया उग्र प्रदर्शन

उधर, ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (एआइओसीडी) के आह्वान पर दवा कारोबारी दुकान बंद कर हड़ताल पर रहे. इस दौरान जिले की कुल 4250 से अधिक थोक व खुदरा दवा दुकानें बंद रहीं. दवा दुकानों के बंद रहने से मरीजों के सामने संकट की स्थिति बनी रही. कुचायकोट थाने के बंगरा गांव के […]

उधर, ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (एआइओसीडी) के आह्वान पर दवा कारोबारी दुकान बंद कर हड़ताल पर रहे. इस दौरान जिले की कुल 4250 से अधिक थोक व खुदरा दवा दुकानें बंद रहीं.
दवा दुकानों के बंद रहने से मरीजों के सामने संकट की स्थिति बनी रही. कुचायकोट थाने के बंगरा गांव के विपिन बिहारी तिवारी की भाभी को एसीडिटी है. सुबह नौ बजे घने कोहरे में दवा लेने के लिए बथना बाजार पहुंचे. दुकानें बंद थीं. यूपी के सीमावर्ती सलेमगढ़ बाजार चले गये. वहां भी दुकानें बंद मिलीं. पता चला कि दवा दुकानदार हड़ताल पर हैं.
उनको बिना दवा के ही लौटना पड़ा, जबकि राधेश्याम प्रसाद को सदर अस्पताल आकर घंटों कतार में लगकर दवा लेनी पड़ी. बनतैल की हसीबन खातून ने सासामुसा बाजार में भटकने के बाद गोपालगंज आकर दवाएं खरीदीं. ये सिर्फ नमूने हैं. जिले में हजारों मरीजों को इस हड़ताल का खामियाजा भुगतना पड़ा.
जिले में दवा दुकानें 4296
फार्मासिस्ट की संख्या 116
प्रतिदिन दवा का कारोबार लगभग 96 करोड़
प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या 2.56 लाख
क्यों हड़ताल करने को मजबूर हैं दुकानदार
दवा दुकानों के लिए सरकार की ओर से फार्मासिस्ट की समस्या समाधान की जाये
अनुज्ञप्तिधारी दुकानों के निरीक्षण के दौरान विभागीय उत्पीड़न बंद किया जाये
दवा दुकानों में निरीक्षण ड्रग एक्ट में परिभाषित फाॅर्म 35 के अनुसार ही होना चाहिए
निरीक्षण में मिली गलतियों पर दंडित करने के बजाय सुधारने का मौका दिया जाये
निरीक्षण के लिए जारी किये गये विभागीय ज्ञापांक 262(15) 29.319 को रद्द किया जाये
राज्य की दवा दुकानों में विभागीय निरीक्षण व पारदर्शिता बनी रहे इसके लिए दिशा निर्देश जारी हो
अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में राज्य औषधि नियंत्रक स्पष्ट आदेश जारी करे
थावे में परेशान रहे मरीज: थावे. प्रखंड की सभी मेडिकल दुकानें बुधवार को बंद रहीं. 24 जनवरी तक संघ के निर्णय के आलोक में मेडिकल दुकानें बंद रहेंगी. सरकार ने हर दवा दुकान के लिए एक फार्मासिस्ट की नियुक्ति अनिवार्य कर दिया है. दवा दुकानदारों का फार्मासिस्ट के नाम पर शोषण किया जा रहा है.
इसके विरोध में हमलोग तीन दिनों तक दुकान बंद रखेंगे. नित्यानंद उपाध्याय, विनोद कुमार, बब्लू तिवारी, योगेंद्र पंड़ित, संतोष पंडित, शमसुल हक व अली असगर खान ने अपनी दुकानें बंद रखीं.

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