गोपालगंज : लॉकडाउन का दूसरा फेज शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश से बिहार के विभिन्न जिलों के रहनेवाले प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. यूपी-बिहार की सीमा से गुरुवार को सुपौल व सहरसा के करीब 203 प्रवासी मजदूरों ने प्रवेश किया. इन सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग कराने के बाद प्रशासन ने गृह जिला भेज दिया. ये सभी मजदूर यूपी के फिरोजाबाद व अमरोहा में कोल्ड स्टोरेज में काम करते थे. अमरोहा में काम करनेवाले 128 मजदूर शामिल हैं. इन मजदूरों का कहना था कि लॉकडाउन के कारण कोल्ड स्टोरेज बंद है. मालिक ने खाना-पीना देने से भी हाथ खड़े कर दिये. पैदल घर के लिए निकले, लेकिन रास्ते में ट्रक मिल गया. यूपी के पुलिस वालों ने ट्रकों में बैठाकर भेज दिया.
भूख-प्यास से तड़प रहे थे मजदूर यूपी के फिरोजाबाद व अमरोहा से पैदल चले मजदूर भूख-प्यास से तड़प रहे थे. खाने के लिए उनके पास कुछ नहीं बचा था. यूपी-बिहार की सीमा बलथरी चेकपोस्ट पर आने के बाद अधिकारियों ने सीमा आपदा राहत केंद्र में खाने-पीने के लिए मजदूरों को कहा, लेकिन घर जाने की चिंता में इन्कार कर दिया. स्क्रीनिंग कराने के बाद ट्रक से अपने घर के लिए लौट गये. मेडिकल टीम तैनात, स्क्रीनिंग शुरू यूपी-बिहार की सीमा पर कुचायकोट सीएचसी ने मेडिकल टीम को तैनात कर दिया है. सीमा से होकर प्रवेश करनेवाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है.
मेडिकल टीम में डॉ संदीप कुमार, डॉ तौहीर हसन के अलावा चार एएनएम गायत्री देवी, प्रमिला देवी, रंजू देवी, सावित्री देवी की तैनाती की गयी है. इंफ्रारेड थर्मामीटर से एक-एक मजदूरों की स्क्रीनिंग मेडिकल टीम द्वारा की जा रही है. स्क्रीनिंग में एक भी मजदूर में कोरोना का लक्षण नहीं मिला है. शिक्षकों को किया गया है तैनात यूपी-बिहार की सीमा पर मेडिकल टीम के अलावा शिक्षकों की तैनाती की गयी है.
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से बिहार सीमा में प्रवेश करनेवाले लोगों के नाम व पता सहित पूरा डाटा तैयार कराया जा रहा है. गुरुवार को दिनेश शर्मा, शक्तिनाथ तिवारी, सत्येंद्र नाथ तिवारी, पंकज सिंह, कमलेश्वर पांडेय आदि शिक्षकों की तैनाती की गयी थी, जो मजदूरों का डाटा बना रहे थे. बंगाल व सीतामढ़ी के 79 मजदूर भेजे गये घरशहर के डीएवी हाइस्कूल के आपदा राहत केंद्र में रहनेवाले 79 मजदूरों को घर भेज दिया गया. इनमें पश्चिम बंगाल व सीतामढ़ी के रहनेवाले सभी मजदूर थे. मजदूरों की परेशानी को देखते हुए जिला प्रशासन ने निजी बसों से सभी को रात में घर भेजने का इंतजाम कराया. हाइस्कूल के प्राचार्य मित्रानंद आर्य ने बताया कि सभी मजदूरों को घर भेज दिया गया है.