इमरजेंसी कॉल महीनों से डेड
गोपालगंज : चौंकिए मत! पुलिस का इमरजेंसी कॉल (100) महीनों से डेड है. फोन डेड रहने से पुलिस को इमरजेंसी कॉल नहीं मिल रहा. पीड़ित चाह कर भी पुलिस को सूचना नहीं दे पा रहे हैं. इससे घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी आसानी से भाग जा रहे हैं. बाद में पुलिस को घटना […]
गोपालगंज : चौंकिए मत! पुलिस का इमरजेंसी कॉल (100) महीनों से डेड है. फोन डेड रहने से पुलिस को इमरजेंसी कॉल नहीं मिल रहा. पीड़ित चाह कर भी पुलिस को सूचना नहीं दे पा रहे हैं. इससे घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी आसानी से भाग जा रहे हैं.
बाद में पुलिस को घटना की जानकारी मिलती है, तो हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं कर पाती. आठ माह से पुलिस का इमरजेंसी नंबर बंद है. इस नंबर के बंद होने से घटना के वक्त लोग पुलिस चाह कर भी सूचना नहीं दे पा रहे. अपने मोबाइल या फोन से इस नंबर पर ट्राइ करते हैं. लेकिन नहीं लगने पर थक-हार कर चुप हो जाते हैं.
बता दें कि थाना या पुलिस अधिकारियों के नंबर हर किसी के पास मौजूद नहीं होता है. इस कारण आसानी से लोग पुलिस के इस इमरजेंसी नंबर पर सूचना देने का प्रयास करते हैं. तुरंत कार्रवाई नहीं होने से जिले में आपराधिक घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. पुलिस लुटेरों तक नहीं पहुंच पाती.
केस 1
मीरगंज थाना क्षेत्र के जीगना डाला के समीप तीन दिसंबर, 2014 की शाम सात बजे सीवान के लोहा कारोबारी सत्येंद्र जुड़कन के कर्मी मनु श्रीवास्तव तथा उसके साथी से अपराधियों ने पिस्तौल का भय दिखा कर सात लाख रुपये लूट लिये. जुड़कन के कर्मी पुलिस को सूचना देने के लिए 100 नंबर पर फोन करते रहे, लेकिन नहीं लगा. मीरगंज थाना पहुंचते-पहुंचते 7:30 बज गये. पुलिस को सूचना जब मिली, तब कार्रवाई शुरू हुई.
केस 2
कुचायकोट थाना क्षेत्र के बथना गांव के निवासी इदरिस अंसारी शहर के एक्सिस बैंक से 1.80 लाख रुपये लेकर 29 नवंबर को पत्नी के साथ घर लौट रहे थे. जैसे ही वे पुलिस लाइन के पास पहुंचे कि दिन दहाड़े शहर में लुटेरों ने रुपये भरा बैग लूट लिया. इदरिस भी पुलिस को सूचना देने के लिए 100 नंबर पर ट्राइ करने लगे. जब फोन नहीं लगा, तो वहां मौजूद लोगों ने नगर थाने को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक लुटेरे भाग चुके थे.
केस 3
सिधवलिया के बरहिमा के निवासी मनी एक्सचेंज यूनियन के लिए आंबेडकर शाखा स्टेट बैंक से 2.35 लाख रुपये लेकर जा रहे थे. घोष मोड़ पर 24 नवंबर को लुटेरों ने पिस्तौल का भय दिखा कर पैसे लूट लिये. इस घटना में भी लोगों ने 100 नंबर पर फोन किया, लेकिन निराशा हाथ लगी. पुलिस को घटना की जानकारी मिलने में विलंब हुई, जिससे लुटेरों तक पुलिस नहीं पहुंच पायी.