कुचायकोट व कटेया में आरटीपीएस बनी मजाक

जाति प्रमाणपत्र के लिए भटक रहे आवेदकसमय सीमा में नहीं मिलती सेवाअब भी लंबित हंै पांच सौ से अधिक मामलेसंवाददाता, गोपालगंजजिले के कुचायकोट एवं कटेया अंचलों में आरटीपीएस मजाक बन कर रही गयी है. आवेदकों को पहले से भी ज्यादा परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. ऐसे तो सरकार ने 15 अगस्त, 2011 से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2014 8:02 PM

जाति प्रमाणपत्र के लिए भटक रहे आवेदकसमय सीमा में नहीं मिलती सेवाअब भी लंबित हंै पांच सौ से अधिक मामलेसंवाददाता, गोपालगंजजिले के कुचायकोट एवं कटेया अंचलों में आरटीपीएस मजाक बन कर रही गयी है. आवेदकों को पहले से भी ज्यादा परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. ऐसे तो सरकार ने 15 अगस्त, 2011 से आरटीपीएस का शुभारंभ किया. इसके बाद लोगों मंे निर्धारित समय में बेहतर सेवा मिलने की उम्मीद जगी. लेकिन, आज भी आरटीपीएस का लाभ समय पर आवेदकों को नहीं मिल रहा है. ऐसे तो आरटीपीएस में लापरवाही को देखते हुए डीएम कृष्ण मोहन ने जिले के सभी बीडीओ व सीओ से जवाब-तलब किया था. डीएम के इस आदेश के बाद जहां कई अंचलों और प्रखंडों के आरटीपीएस के कार्यों में तेजी लाकर मामलों का निबटारा किया जाने लगा. लेकिन, डीएम के आदेश का असर कुचायकोट और कटेया अंचलों के अधिकारियों पर नहीं पड़ा. चार दिसंबर से कुचायकोट अंचल में 169 जाति प्रमाणपत्र के मामले लंबित हंै. वहीं, कटेया अंचल में 311 मामले लंबित हैं. इन दोनों अंचलों में पांच सौ से अधिक मामले लंबित हंै.

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