शौच के लिए घर जाना पड़ता है शिक्षिकाओं को

संवाददाता, बैकुंठपुरप्रखंड के मध्य विद्यालय, कतालपुर उर्दू में स्वच्छता का अभाव एक समस्या बन गया है. 550 नामांंकित बच्चों के बीच आधा दर्जन महिला शिक्षक भी हैं. एक चापाकल के सहारे ही एमडीएम संचालन व पेयजल है. सबसे बड़ी समस्या शौचालय की है. शौचालय का दरवाजा टूटा व गंदा है. सफाई कभी होती ही नहीं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2014 8:02 PM

संवाददाता, बैकुंठपुरप्रखंड के मध्य विद्यालय, कतालपुर उर्दू में स्वच्छता का अभाव एक समस्या बन गया है. 550 नामांंकित बच्चों के बीच आधा दर्जन महिला शिक्षक भी हैं. एक चापाकल के सहारे ही एमडीएम संचालन व पेयजल है. सबसे बड़ी समस्या शौचालय की है. शौचालय का दरवाजा टूटा व गंदा है. सफाई कभी होती ही नहीं. बदबू से स्कूल में रहना मुश्किल है. बालिका व महिला शिक्षिकाओं को शौच के लिए स्कूल छोड़ कर घर की शरण लेनी पड़ती है. शौचालय स्कूल के लिए बड़ी समस्या है. हालांकि सर्वशिक्षा अभियान द्वारा तीन शौचालय बने हैं. रख-रखाव व देख-रेख के अभाव में गंदगी से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल में विकास व मरम्मत मद की राशि आती है, मगर हेडमास्टर द्वारा आवश्यक कार्य नहीं किया जाता है. यह बात अभिभावक व बच्चों का कहना है. हालांकि स्कूल के हेडमास्टर मनोज कुमार प्रसाद ने बताया कि पूर्व में बनी चहारदीवारी टूट जाने की वजह से शौचालय में गंदगी की समस्या है. फंड आने पर ठीक कराया जायेगा.

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