अभी और रंग दिखायेगी ठंड

सर्द हवा ने बढ़ायी ठिठुरनबीच-बीच में पश्चिमी विक्षोभ बढ़ायेगी मुश्किलमकर संक्रांति तक सतायेगी ठंडसंवाददाता.गोपालगंजठंड अब अपने रंग में आने को है. बर्फसे ढंके पहाड़ों से होकर आने वाली पछुआ हवा ने बुधवार को इसका अहसास भी करा दिया. दिन भर चली सर्द हवा और खिली धूप की वजह से 24 घंटे में अधिकतम तापमान तीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2014 5:01 PM

सर्द हवा ने बढ़ायी ठिठुरनबीच-बीच में पश्चिमी विक्षोभ बढ़ायेगी मुश्किलमकर संक्रांति तक सतायेगी ठंडसंवाददाता.गोपालगंजठंड अब अपने रंग में आने को है. बर्फसे ढंके पहाड़ों से होकर आने वाली पछुआ हवा ने बुधवार को इसका अहसास भी करा दिया. दिन भर चली सर्द हवा और खिली धूप की वजह से 24 घंटे में अधिकतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस (डिसे) बढ़ कर 21.2 डिसे पर आ गया. यह औसत से आठ डिसे कम है. न्यूनतम तापमान करीब पहले की तरह ही 9.8 डिसे रहा. मौसम विज्ञानी एसएन पांडेय के अनुसार मौसम की अनिश्चितता का दौर अब खत्म हो गया. 17 दिसंबर से 15 जनवरी के दौरान ठंड चरम पर होती है. पहाड़ों पर हुई बर्फबारी, मैदानी इलाकों में हुई बारिश और ओले पड़ने की वजह उधर से आने वाली पछुआ हवा साथ हाड़ कंपा देने वाली सर्दी भी लायेगी. बीच-बीच में पश्चिमी विक्षोभ के आने पर चंद दिनों के लिए मौसम में भले बदलाव दिखे, पर मकर संक्रांति तक ठंड मजबूती के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगी.पूर्वानुमानगुरुवार को दिन में कुछ घंटे धूप होगी. कुहासे की स्थिति बनी रहेगी. 19 और 20 दिसंबर से कुहासा और घना हो जाएगा. अधिकतम तापमान 21-24 डिसे के बीच रहेगा. न्यूनतम धीरे-धीरे घट कर सात से नीचे आयेगा.हुदहुद के असर से मौसम ने दिखाये कई रंग अप्रत्याशित मौसम की वजह हुदहुद चक्रवात के चलते मध्य अक्तूबर में हुई भारी बारिश है. इसके कारण हवा में नमी अपेक्षाकृत अधिक रही. इसकी वजह से नवंबर के अंत से ही कुहासा बनना शुरू हो गया. कुहासे की वजह से अधिकतम तापमान लगातार औसत से कम रहा. पश्चिमी और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाओं के मिलन से जाड़े की पहली बारिश हुई . तीन दिनों के दौरान कुल 3.6 मिलीमीटर बारिश हुई. यह एक दशक का रिकार्ड है.

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