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जानलेवा ठंड, घरों में दुबके रहे लोग

गोपालगंज : गुरुवार की रात आठ बजे तक तो लोग सर्दी से बेहाल थे. पारा लग रहा था शून्य की तरफ जा रहा है. धुंध बढ़ता जा रहा था और एक-एक कर रोशनी के सारे इंतजाम मद्धम पड़ते जा रहे थे. रास्ते भी धुंध में छिपते गये और शहर के मकान नजर से ओझल. बड़े-बड़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2014 1:56 AM
गोपालगंज : गुरुवार की रात आठ बजे तक तो लोग सर्दी से बेहाल थे. पारा लग रहा था शून्य की तरफ जा रहा है. धुंध बढ़ता जा रहा था और एक-एक कर रोशनी के सारे इंतजाम मद्धम पड़ते जा रहे थे. रास्ते भी धुंध में छिपते गये और शहर के मकान नजर से ओझल. बड़े-बड़े हैलोजन, हाइमास्ट लाइटें भी कोहरे के समंदर में मानों डूब गये. साढ़े आठ बजते-बजते इस कदर धुंध छा गया कि चंद कदम दूर कुछ भी दिख रहा था.
इस कारण शहर की सड़कों पर वाहनों का आवागमन धीमा हो गया. पांच वर्ष का रिकार्ड तोड़ते हुए अधिकतम तापमान 16.3 न्यूनतम पारा 4.7 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका था. दूसरी ओर बेपटरी शहरी व्यवस्था ठंड को जानलेवा बना रही थी. कड़ाके की ठंड में भी अलाव तक का इंतजाम नगर पर्षद द्वारा नहीं किया जा सका है. ठंड और गलन घर से निकलने वालों पर भारी पड़ रही है. सड़कों पर रात नौ बजते-बजते ही सन्नाटा पसरने लगा. बाजार की दुकानें समय से पहले बंद होने से सन्नाटा पसर गया. पूरी रात गुलजार रहनेवाले कई चौराहे रात 10 बजे ही सूने पड़ चुके थे. धुंध का कहर ऐसा था कि दोपहिया वाहन सवार एक किमी तक चलने में ही भीग जा रहे थे.

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