सिपाया में बैठक के दौरान ग्रामीणों ने लिया निर्णयसरकार की उपेक्षा पड़ रही पीडि़तों पर भारीप्रशासन के लिए गंभीर चुनौती हो सकता है आंदोलनफोटो-8संवाददाता, सासामुसागंडक नदी की तबाही झेल रहे दियारा के ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन करने का निर्णय लिया है. सिपाया में बैठक कर दियारा के लोगों ने नये तटबंध के लिए रूपरेखा तय किया है. गंडक दियारा संघर्ष समिति के संयोजक शिवजी सिंह कुशवाहा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जनवरी के तीसरे सप्ताह से सामूहिक अनशन की तैयारी का निर्णय लिया गया. गंडक नदी पर यूपी के बॉर्डर अहिरौली गांव से लेकर रामपुर, विशुनपुर तटबंध तक नया बांध बनाने के लिए जल संसाधन विभाग की तरफ से डीपीआर बना कर विभाग को सौंपी जा चुकी है. हालांकि, दियारा संघर्ष समिति की तरफ से पिछले वर्ष भी 27 जनवरी से आमरण अनशन की शुरुआत की गयी थी, जिसमें 31 जनवरी को डीएम कृष्ण मोहन, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता दिनेश चौधरी, विधायक अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय, मंजीत सिंह आदि ने मिल कर अनशन को तोड़वाया. प्रशासन की मुस्तैदी से बांध का सर्वे का काम शुरू हुआ. डीपीआर तैयार कर विभाग को भेजा गया. इस बीच संघर्ष समिति की तरफ से कई बार प्रदर्शन भी किया गया. बीच में दियारा संघर्ष समिति दो गुट में बंट गया. अब पुन: संयोजक शिवजी कुशवाहा के नेतृत्व में ग्रामीण गोलबंद होकर आंदोलन करने का फैसला लिया है. इस बैठक में मुख्य रूप से अर्जुन गुप्ता, हाजी मुश्ताक अली, सत्येंद्र बैठा, सुनील कुशवाहा, हरि शंकर यादव, हरेंद्र यादव, उमेश साह, डॉ हरिनारायण पटेल, लूटन पटेल, सूर्य नारायण कुशवाहा, वंशीधर साह, रामाशीष यादव आदि मौजूद थे.
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नये तटबंध के लिए दियारे के ग्रामीण करेंगे अनशन
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