पुरानी किला की संपत्ति सरकारी

गोपालगंज : हथुआ राज को एसडीओ कोर्ट ने पुरानी किला के मामले में एक बार फिर झटका दिया है. कोर्ट ने पुरानी किला की संपत्ति को सरकारी करार दिया है. एसडीओ कोर्ट के आदेश की कोई परवाह हथुआ राज पर शायद नहीं है. पुरानी किला के स्वरूप बदलने का काम तेजी से चल रहा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2015 7:18 AM
गोपालगंज : हथुआ राज को एसडीओ कोर्ट ने पुरानी किला के मामले में एक बार फिर झटका दिया है. कोर्ट ने पुरानी किला की संपत्ति को सरकारी करार दिया है. एसडीओ कोर्ट के आदेश की कोई परवाह हथुआ राज पर शायद नहीं है.
पुरानी किला के स्वरूप बदलने का काम तेजी से चल रहा है. पटना हाइकोर्ट के क्रिमनल मिसलेनियस संख्या 39917/13 में दुर्गेश्वरी शाही एवं अन्य बनाम राज सरकार दर्ज किया गया था, जिसमें 11 नवंबर, 2013 को कोर्ट ने धारा 146 (1) दप्रस के तहत कार्रवाई को निरस्त कर पुन: 145 दप्रस के तहत पक्षकारों को सुनने का आदेश दिया था. हाइकोर्ट के इस निर्णय के बाद हथुआ के एसडीओ कोर्ट ने फिर से 145 के तहत सुनवाई की और इसमें आदेश हथुआ राज के खिलाफ पारित किया है.
कोर्ट ने माना है कि विपक्षी (हथुआ राज) का दावा वैधानिक नहीं है. सरकारी भूमि को बलपूर्वक कब्जा करना चाहता है. ऐसे में हथुआ के सीओ अतिक्रमित भूमि पर कार्रवाई करने के लिए सक्षम प्राधिकार है.
इनका दावा भी खारिज : एसडीओ कोर्ट में तो इंटर वेनर के तौर पर रतनचक के निवासी संतोष प्रसाद, अमित प्रसाद, सीवान जिले के पचारा गांव के अजय राय, हथुआ के मनीछापर के रामेश्वर प्रसाद ने इंटरवेनर आवेदन समर्पित किया. इनके मामले में भी सुनवाई के दौरान इनके दावे को भी खारिज कर दिया गया. इस संबंध में एसडीओ कृष्ण मोहन ने कहा कि कोर्ट में आये साक्ष्य के अनुरूप फैसला दिया गया है. सीओ को अपने कब्जे में लेने का आदेश दिया गया है.

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