गोपालगंज : चर्चित दिलीप मांझी हत्या कांड में पुलिस के हाथ उसके मासूका का सिम लगा है. सिम से इस पूरे हत्याकांड के उद्भेदन होने की संभावना है. पुलिस कप्तान डॉ विनोद कुमार चौधरी ने मौके पर पहुंच कर तहकीकात करने के बाद घटना के निष्कर्ष तक पहुंच चुके हैं.
पुलिस कप्तान के निर्देश पर महम्मदपुर के थानाध्यक्ष धर्मेद्र भारती इस कांड की सघन जांच में जुटे हैं.
अब तक पुलिस के हाथ जो भी साक्ष्य मिले हैं, उससे स्पष्ट हो रहा है कि सिधवलिया थाना क्षेत्र के बुधसी गांव के रहने वाले दिलीप मांझी का उसके पड़ोसी सुनीता देवी (नाम बदला हुआ) के साथ वर्षो से अवैध संबंध था. इस बीच सुनीता की शादी उसके परिजनों ने बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के अजबीनगर में कर दी. बाद में दिलीप की भी शादी हो गयी. लेकिन शादी के बाद दोनों का संबंध बरकरार रहा.
दोनों के बीच मिलना और संबंध बनाये रखने की वाकया जारी रहा. इस बीच इसकी जानकारी सुनीता के पति को मिल चुकी थी. उसने स्पष्ट कर दिया कि या तो अपने प्रेमी दिलीप को बुलाये, अन्यथा घर से निकाल दिया जायेगा. सुनीता पति की बात नहीं मानती तो घर से निकाली जाती.
उसके अवैध संबंधों का भंड़ाफोड़ हो जाता. ऐसे में अपने प्यार को धोखा देते हुए दिलीप को उसने 25 जून को बुलाया और साजिश के तहत ताड़ी में जहर पिला कर दिलीप की हत्या कर दी गयी. हत्या के बाद उसके शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया गया. इधर, मृतक की पत्नी की तहरीर पर कांड की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी, जिसमें अपने पट्टीदारों को भी अभियुक्त बना दिया.
इस बीच इस मामले में चिंता देवी ने जब पुलिस कप्तान को आवेदन देकर पूरे मामले की जानकारी दी और कई साक्ष्य भी दिये.
उसके बाद पुलिस सुनीता और उसके पति की तलाश में जुट गयी है. फिलहाल दोनों फरार है. पुलिस सिम के जरिये इन तक पहुंचने की तैयारी में है.