ग्रामीण रास्तों से हो रही पशु तस्करी, पुलिस मौन
कुचायकोट. पुलिस की गश्त न होने से गो तस्करों की चांदी है. रात के अंधेरे का लाभ उठाते हुए तस्कर आसानी से यूपी से बिहार में प्रवेश कर जाते हंै. यदि पुलिस ने कहीं पकड़ भी लिया, तो तयशुदा रकम दे ये तस्कर अपनी राह पकड़ लेते हैं.कटेया थाने के बॉर्डर इलाक ा, गोपालपुर तथा […]
कुचायकोट. पुलिस की गश्त न होने से गो तस्करों की चांदी है. रात के अंधेरे का लाभ उठाते हुए तस्कर आसानी से यूपी से बिहार में प्रवेश कर जाते हंै. यदि पुलिस ने कहीं पकड़ भी लिया, तो तयशुदा रकम दे ये तस्कर अपनी राह पकड़ लेते हैं.कटेया थाने के बॉर्डर इलाक ा, गोपालपुर तथा कुचायकोट के बॉर्डर इलाके से यूपी के पिपरा कनक, बरई पट्टी, समउर बाजार, गंगुआ मिठया आदि से संलग्न ग्रामीण क्षेत्रों की सड़के आज कल पशु तस्करों के लिए मुफीद बनी हुई है. महराजगंज व गोरखपुर क्षेत्र से पश्चिम बंगाल को जानेवाले पशु पिकअप के माध्यम से तस्करों द्वारा बिहार सीमा में प्रवेश करा दिये जाते हंै.इसके लिए तस्कर मुख्य मार्गों के बजाय गांव के कच्चे रास्तों व खड़ंजे का प्रयोग करते हैं. यदि कहीं कोई गाड़ी पुलिस की निगाह में आ गयी, तो तयशुदा रकम देकर चलते बनते हंै. हालांकि एसपी अनिल कुमार सिंह ने क्राइम कंट्रोल मीटिंग में सभी थानेदारों को पशु तस्करी रोकने का आदेश देकर पुलिस अधिकारियों की मुश्किल बढ़ा दी है.