विरोध : मध्य विद्यालय में शरारती तत्वों ने जतायी थी नाराजगी
19 जनवरी को महापंचायत में मांझा प्रखंड के दुलदुलिया उत्क्रमित विद्यालय में सिर्फ 26 जनवरी एवं 15 अगस्त के अवसर पर वंदे मातरम् कहने का निर्णय लिया गया था. महापंचायत में दोनों पक्षों के लोग बुलाये गये थे.
दोनों पक्षों के ग्रामीणों की बात सुनने के बाद फैसला सुनाया गया कि प्रार्थना के बाद वंदे मातरम् अब नहीं होगा. इसके बाद मामला तूल पकड़ने लगा है. कुछ लोगों ने सांसद व विधायक के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था. गुरुवार को छुट्टी के बाद स्कूल खुला. प्रार्थना के बाद वंदे मातरम् नहीं हुआ.
मांझा : विरोध के बीच गुरुवार से दुलदुलिया उत्क्रमित मध्य विद्यालय में प्रार्थना के बाद वंदे मातरम् कहना बंद हो गया. गुरुवार को विद्यालय खुला. विद्यालय के बाहर कई ग्रामीण प्रार्थना के बाद वंदे मातरम् बंद कराने के लिए मौजूद थे.
विद्यालय के शिक्षकों में खौफ झलक रहा था. वंदे मातरम् बंद होने का मलाल गांव समेत इलाके के लोगों को भी था. प्रार्थना शुरू होने के पहले गांव के कुछ लोग पहुंचे और शिक्षकों से स्पष्ट कर दिया कि विद्यालय में वंदे मातरम् नहीं होना चाहिए.
हॉकी स्टीक व लाठी लेकर पहुंचे थे
वंदे मातरम् पर रोक लगाने के लिए जब कुछ शरारती किस्म के लोग पहुंचे, तो उनके हाथों में हॉकी स्टीक और लाठी भी थी. लोग जबरन वंदे मातरम् पर रोक लगाने पर अड़ गये थे. किसी भी स्थिति को भांपते हुए विद्यालय के प्रधान शिक्षक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए पहल की अपील की थी. शिक्षा विभाग ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है.
महापंचायत ने लिया था निर्णय
महापंचायत ने निर्णय लिया गया कि प्रार्थना के वक्त बिहार सरकार के द्वारा जारी सर्वधर्म प्रार्थना विद्यालय में शुरू की जायेगी. इसका दोनों पक्षों ने समर्थन किया.
इस महापंचायत में सांसद जनक राम, बीडीओ विनोद कुमार, थानाध्यक्ष संतोष कुमार, डीओ तारा सिंह, राजद नेता मो कासिम, अब्दुल सत्तार, मुखिया रामकुमार मांझी, शिक्षक उदय शंकर तिवारी, कमरुल होदा, मुन्ना सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे. बाद में महापंचायत खत्म होते ही पूर्व पर्यटन मंत्री रामप्रवेश राय भी पहुंचे थे.
विरोध एक नजर में
– 13 जनवरी को दुलदुलिया उत्क्रमित मध्य विद्यालय में हुआ विरोध
– 14 जनवरी को हंगामे के बाद बीइओ ने मौखिक रोक लगायी
– 15 जनवरी को अभाविप के कार्यकर्ताओं ने मौनिया चौक पर पुतला जलाया
– 16 जनवरी को रोक के खिलाफ छात्र नेताओं ने समाहरणालय पर किया प्रदर्शन
– 17 जनवरी को अभाविप के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को ज्ञापन सौंपा
– 19 जनवरी को महापंचायत ने रोक लगाने का फैसला किया
– 20 जनवरी को सांसद और विधायक का पुतला जलाया, भोरे में सांसद का घेराव
– 21 जनवरी को बिहारी छात्र मोरचा ने शहर में विरोध मार्च निकाला
– 22 जनवरी को शरारती तत्वों के भय से प्रार्थना के बाद नहीं कहा गया वंदे मातरम्
क्या कहते हैं विधायक
दुलदुलिया में बुलायी गयी बैठक के समाप्त होने के बाद मैं वहां पहुंचा था. मुङो जानकारी तक नहीं थी कि बैठक में क्या निर्णय हुआ. मेरी जानकारी में कोई फैसला नहीं हुआ. मैं आरंभ से ही अभाविप और आरएसएस का कैडर रहा हूं. वंदे मातरम् भारत का राष्ट्रीय गीत है.
इस गीत पर हर हिंदुस्तानी गर्व करता है. यह किसी धर्म और मजहब से नहीं जुड़ा है. वंदे मातरम् देश भर के स्कूलों में गूंजता है. प्रशासन के लोगों की भूमिका की जांच करें. समाज में विद्वेष क्यों फैलाया जा रहा है. ऐसे लोगों पर तत्काल कार्रवाई की जाये.
राम प्रवेश राय, विधायक, बरौली
क्या कहता है विभाग
दुलदुलिया स्कूल में वंदे मातरम् को लेकर विवाद की जानकारी मुङो नहीं है. अगर विवाद की बात आती है, तो इसकी जांच करने के बाद न्यायोचित कार्रवाई की जायेगी.
राजकिशोर सिंह, डीपीओ स्थापना, शिक्षा विभाग गोपालगंज
आज होगा गोपालगंज बंद
गोपालगंज : अखिल भारतीय विद्यार्थी पर्षद की बैठक नगर के गीता मानस मंदिर में संपन्न हुई. अध्यक्षता विशाल वैभव ने की. दुलदुलिया मध्य विद्यालय में वंदे मातरम् के तहत उठे प्रसंग को लेकर विद्यार्थी पर्षद ने 23 जनवरी को गोपालगंज बंद का आह्वान किया है.
मौके पर कुंवर विकास सिंह, अविनाश कश्यप, गोपेश्वर गुप्ता, रानी कुमारी, नेहा सिंह, राजन कुमार, गोलू कुमार, श्याम बाबू व कन्हैया साह आदि थे.