गोपालगंज. विकलांग रेलयात्रियों के लिए राहत भरी खबर है. अब उन्हें आरक्षित टिकट के लिए काउंटर पर नहीं जाना पड़ेगा. घर बैठे आरक्षित इंटरनेट (इ) टिकट पर भी छूट मिल जायेगी. इसके लिए उन्हें सिर्फ रेलवे का पहचान पत्र बनवाना होगा. रेलवे मंत्रालय की पहल पर जल्द ही पूरे देश में यह व्यवस्था लागू हो जायेगी. रेल मंत्रालय ने प्रयोग के तौर पर नवंबर-दिसंबर, 2014 में इस नयी महत्वाकांक्षी व्यवस्था को उत्तर रेलवे में लागू कर दिया था. उत्तर रेलवे में इसका प्रयोग सफल रहा है. उत्तर रेलवे में सेंट्रल रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) के सहयोग से विकलांग यात्रियों को इ-टिकट मिलना शुरू हो गया है. संबंधित उच्चाधिकारियों ने रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भी भेज दी है. रेल बजट के बाद नये वित्तीय वर्ष से यह नयी व्यवस्था लागू हो जायेगी. रेलवे के अनुसार शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति को रियायत के आधार पर इ-टिकट की सुविधा मिलेगी. यात्रियों को वही रियायत मिलेगी, जो बुकिंग काउंटर पर मिलती है. रियायत के लिए यात्रियों को संबंधित मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय से प्रमाण पत्र बनवाना होगा. इसके लिए कार्यालय में विकलांगता चिकित्सा प्रमाण पत्र, दो नवीन फोटो और जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा. पहले से बना पहचान पत्र भी मान्य होगा. मिलने वाला प्रमाण पत्र अहस्तांतरणीय होगा. विकलांगता के प्रकार के आधार पर यात्री को छूट मिलेगी. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे बोर्ड की संस्तुति मिलते ही पूवार्ेत्तर रेलवे में भी यह नयी व्यवस्था लागू हो जायेगी.
इ-टिकट पर भी विकलांग यात्रियों को राहत
गोपालगंज. विकलांग रेलयात्रियों के लिए राहत भरी खबर है. अब उन्हें आरक्षित टिकट के लिए काउंटर पर नहीं जाना पड़ेगा. घर बैठे आरक्षित इंटरनेट (इ) टिकट पर भी छूट मिल जायेगी. इसके लिए उन्हें सिर्फ रेलवे का पहचान पत्र बनवाना होगा. रेलवे मंत्रालय की पहल पर जल्द ही पूरे देश में यह व्यवस्था लागू हो […]
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