गुरु के बिना मोक्ष की प्राप्ति नहीं : स्वामी अवधेश

मांझा. गुरु के बिना मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती. गुरु अपने शिष्य के हित में सदा सोचता है. गुरु से बढ ़कर इस जगत में कोई नहीं है. उक्त बातें स्वामी अवधेशाचार्य ने प्रखंड के नयी बाजार में रामकथा प्रवचन के दौरान कहीं. वैराग्य के अर्थ को समझाते हुए उन्होंने कहा कि वैराग्य का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2015 4:02 PM

मांझा. गुरु के बिना मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती. गुरु अपने शिष्य के हित में सदा सोचता है. गुरु से बढ ़कर इस जगत में कोई नहीं है. उक्त बातें स्वामी अवधेशाचार्य ने प्रखंड के नयी बाजार में रामकथा प्रवचन के दौरान कहीं. वैराग्य के अर्थ को समझाते हुए उन्होंने कहा कि वैराग्य का अर्थ नहीं मां को छोड़ देना, पिता, घर मकान को छोड़ देना. गृहस्थ आश्रम भगवान की भक्ति मंे बाधक नहीं है. गृहस्थ आश्रम धन्य है. वंदनीय है. मंत्र के अर्थ को समझाते हुए बताया कि जो मन को नियंत्रित करें. परमात्मा जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण जीवात्मा है, जो अपनी साधना से ऊपर उठ गया. जीव अपनी प्रकृति सो उठ गया तो ब्रह्म है. प्रवचन के बाद रामलीला का आयोजन हो रहा है. मौके पर मुखिया मनोरंजन सिंह, प्रमोद कुमार पटेल, संतोष गुप्ता, रवि कुमार सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद थे.

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