सतसंग से संवरती है जिंदगी

शिव-पार्वती मंदिर के वार्षिक उत्सव पर प्रवचनमहम्मदपुर. सत्संग से संशय दूर होता है. मनुष्य को अंधेरे से रोशनी की तरफ ले जाने का काम सत्संग करता है. ये बातें संत स्वामी भागवातानंद ने शिव-पार्वती मंदिर के वार्षिक उत्सव पर प्रवचन करते हुए हरपुर टेंगराही में कहीं. उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम सीता मइया की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2015 5:03 PM

शिव-पार्वती मंदिर के वार्षिक उत्सव पर प्रवचनमहम्मदपुर. सत्संग से संशय दूर होता है. मनुष्य को अंधेरे से रोशनी की तरफ ले जाने का काम सत्संग करता है. ये बातें संत स्वामी भागवातानंद ने शिव-पार्वती मंदिर के वार्षिक उत्सव पर प्रवचन करते हुए हरपुर टेंगराही में कहीं. उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम सीता मइया की खोज में जंगल में जाकर पक्षी, जानवर से सीता मइया के बारे में पूछ रहे थे, तभी भगवान शंकर ने दूर से भगवान श्री राम को देख कर प्रणाम किया. इस पर मां पार्वती ने पूछा, ये कौन हैं. प्रभु भगवान ने कहा कि ये हमारे इष्ट देव श्री राम हंै. मां सीता का हरण हो गया है. उन्हें पता लगाने के लिए वे यहां घूम रहे थे. ये अंतरयामी हैं. मां पार्वती को संगय हो गया. वे कहने लगी कि प्रभु ये अंतरयामी हैं, तो इन्हें भटकने की क्या जरूरत है. वे नहीं जानते कि उनकी पत्नी को कौन चुरा कर ले गया है. भगवान शंकर मुस्कराने लगे. कहा, तुम्हें विश्वास नहीं हो रहा है, तो तुम परीक्षा ले लो. मां पार्वती सीता का रूप बना कर भगवान श्री राम के पास गयी. भगवान श्री राम ने सती को प्रणाम किया, तो मां पार्वती शर्मा गयी. इस प्रकार मां पार्वती का संगय दूर हो गया.

Next Article

Exit mobile version