शीतला अष्टमी से होगा होलिका दहन का ताप शांत

कल होगा शीतला माता का व्रतपूजा विधि-विधान से करने पर नहीं होती हैं बीमारियांसंवाददाता. गोपालगंजहोलिका दहन की अग्नि के ताप को शीतला अष्टमी से शांत करते हैं. शनिवार को माता शीतला का व्रत पूजन के साथ संपन्न होगा. मान्यता है कि शीतला माता का व्रत पूरे विधि विधान से करने पर परिवार के सदस्यों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2015 6:03 PM

कल होगा शीतला माता का व्रतपूजा विधि-विधान से करने पर नहीं होती हैं बीमारियांसंवाददाता. गोपालगंजहोलिका दहन की अग्नि के ताप को शीतला अष्टमी से शांत करते हैं. शनिवार को माता शीतला का व्रत पूजन के साथ संपन्न होगा. मान्यता है कि शीतला माता का व्रत पूरे विधि विधान से करने पर परिवार के सदस्यों को बुखार, फोड़ा-फुंसी, पीत ज्वर, नेत्र विकार, चेचक से राहत मिलती है. पूजन से माता प्रसन्न होकर परिवार की रक्षा करती है. आचार्य डॉ पंकज शुक्ला ने बताया कि शीतला अष्टमी का व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. लेकिन उत्तरी भारत के कुछ राज्यों में शीतला अष्टमी का व्रत होली के बाद भी किया जाता है. चिकेन पॉक्स से मिलेगी मुक्तिजब स्माल पॉक्स के टीके का प्रचलन कम था, उस समय परिवार के किसी सदस्य के चिकन पॉक्स से पीडि़त होने पर मरीज पर शीतला माता का प्रभाव माना जाता था. इसके बाद शीतला माता का पूजन कर इसके मरीज को ठीक करने की प्रक्रिया अपनायी जाती थी. इसके मरीज के बिस्तर, आसपास की जगह को साथ रखा जाता था. उसके कमरे में चप्पल पहन कर लोग नहीं जाते थे. मरीज को गाय के घी वाले दीपक से आरती उतारी जाती थी. शीतला माता के गीत व भजन-पूजन से माता को प्रसन्न करने की प्रक्रिया अपनायी जाती थी. आज यह प्रक्रिया अपने इसी रूप में लोगों के बीच जारी है.

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