परेशानी. कृषि विभाग के रसायन ने किसानों को कर्ज के दलदल में धकेला
किसानों की लहलहाती गेहूं की फसल सूखीफसल के जलने से किसानों में आक्रोश कृषि विभाग के अधिकारी अब सुनने को तैयार नहींकिसानों को इस वर्ष रोटी पर भी आयी आफतफोटो-6संवाददाता, कुचायकोटकृषि विभाग के रसायन ने किसानों की किस्मत ही उजाड़ दी है. खर-पतवार नाशक दवा के छिड़काव करने के बाद किसानों की लहलहाती गेहूं की […]
किसानों की लहलहाती गेहूं की फसल सूखीफसल के जलने से किसानों में आक्रोश कृषि विभाग के अधिकारी अब सुनने को तैयार नहींकिसानों को इस वर्ष रोटी पर भी आयी आफतफोटो-6संवाददाता, कुचायकोटकृषि विभाग के रसायन ने किसानों की किस्मत ही उजाड़ दी है. खर-पतवार नाशक दवा के छिड़काव करने के बाद किसानों की लहलहाती गेहूं की फसल सूख गयी. लगभग 10 एकड़ गेहूं की फसल सूख जाने से किसानों के सामने रोटी का संकट उत्पन्न हो गयी है. किसान कर्ज से दब गये हैं. वे गेहूं के खेत देख कर परेशान हैं. कई किसानों ने बैंक से केसीसी लेकर गेहूं की बोआई की थी. अब बैंक कर्ज चुकता करने की चिंता सता रही है. यह मामला है कुचायकोट प्रखंड के अमवां गांव का. गांव के सेवानिवृत्त शिक्षक काशीनाथ पांडेय ने कृषि विभाग से खर-पतवार मारने के रसायन की किट जनवरी में अनुदान पर ली थी. उन्होंने 13 फरवरी को दवा का छिड़काव किया. यह छिड़काव 30 कट्ठा खेत में किया गया. 20 दिनों के बाद गेहूं की फसल पूरी तरह से जल गयी. यह सिर्फ काशी पांडेय की ही नहीं, बल्कि जिन किसानों ने गेहूं की फसल में किट नाशक दवा डाली उनकी फसल मर गयी है. ऐसा दर्जन भर किसानों के साथ हुआ है. किसानों ने इसकी लिखित शिकायत प्रखंड कृषि पदाधिकारी के यहां की है. अधिकारी किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है.क्या कहते हैं डीएओकिसान की फसल खर-पतवार दवा के छिड़काव से होने की जानकारी अब तक नहीं थी. अगर ऐसा हुआ है, तो इसकी जांच करायी जायेगी. दवा तो पूरे जिले में बांटी गयी है. फिर सिर्फ अमवां में ही कैसे फसल सूखी. इसकी जांच करने के बाद ही कुछ कहना बेहतर होगा.डॉ रवींद्र सिंह, डीएओ