जीने का गुर सिखाता है भागवत
संवाददाता. महम्मदपुरभागवत जीवन जीने का गुर सिखाता है. लोगों को आपस में प्रेम करने की कला सिखाता है. उक्त बातें काशी के संत स्वामी दामोदर जी महाराज ने आरपी पब्लिक स्कूल, महम्मदपुर के प्रांगण में भागवत कथा के पांचवें दिन कहीं. उन्होंने कहा कि आज समाज में लोगों के बीच प्रेम का घोर अभाव है. […]
संवाददाता. महम्मदपुरभागवत जीवन जीने का गुर सिखाता है. लोगों को आपस में प्रेम करने की कला सिखाता है. उक्त बातें काशी के संत स्वामी दामोदर जी महाराज ने आरपी पब्लिक स्कूल, महम्मदपुर के प्रांगण में भागवत कथा के पांचवें दिन कहीं. उन्होंने कहा कि आज समाज में लोगों के बीच प्रेम का घोर अभाव है. पति को पत्नी से प्रेम नहीं है. पुत्र को पिता से प्रेम नहीं है. भाई को भाई से प्रेम नहीं है. आज के दौर में किसी की कमी समाज में है तो प्रेम की. उन्होंने लोगों को कथा सुनाते हुए कहा कि प्रेम से किसी को जीता जा सकता है. प्रेम से ही भगवान को वश में किया जा सकता है. भागवत में श्री कृष्ण और गोपियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रेम में ही भगवान है. प्रेम से ही भगवान मिलते हैं. अहंकार से मृत्यु, उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि बुजुर्गों की सेवा करना चाही. उन्होंने कहा कि जैसा भोजन मनुष्य करता है, वैसा उसका विचार होता है. मौके पर शिव मोहन पांडेय, दीना नाथ पांडेय, तेजेश्वर मिश्र, जितेंद्र सोनी, नागेंद्र सिंह सहित हजारों लोग उपस्थित थे.