लाचार है नलकूप प्रमंडल कैसे हो बेहतर सिंचाई
गोपालगंज: जिले का नलकूप प्रमंडल खुद लाचार है. ऐसे में उससे बेहतर सिंचाई की कल्पना कैसे की जा सकती है. ऐसे तो जिले के सभी 14 प्रखंडों में 142 नलकूप सिंचाई के लिए लगाये गये हैं. साथ ही इन नलकूपों को संचालित करने के लिए पर्याप्त कर्मियों की आवश्यकता है, लेकिन विभाग में पहले से […]
गोपालगंज: जिले का नलकूप प्रमंडल खुद लाचार है. ऐसे में उससे बेहतर सिंचाई की कल्पना कैसे की जा सकती है. ऐसे तो जिले के सभी 14 प्रखंडों में 142 नलकूप सिंचाई के लिए लगाये गये हैं. साथ ही इन नलकूपों को संचालित करने के लिए पर्याप्त कर्मियों की आवश्यकता है, लेकिन विभाग में पहले से ही कर्मियों की कमी है. ऐेसे में विभाग के द्वारा जिले में ट्यूबवेल को संचालित करने और नलकूप प्रमंडल के कार्यालय को संचालित करने को लेकर जितने कर्मियों और पदाधिकारियों के पद स्वीकृत किये गये हैं, उसमें से भी अधिकतर पद रिक्त हो गये हैं. विभाग में लंबे समय से कर्मियों की नियुक्ति नहीं हुई है. हर वर्ष पुराने कर्मियों के सेवानिवृत्त होने से अधिकतर पद खाली होता जा रहा है. ऐसे में जिले की खेती को समुचित सिंचाई उपलब्ध कराना परेशानियों से भरा हुआ है. फिर भी सीमित संसाधन और कर्मियों से ही नलकूप प्रमंडल अपने 100 ट्यूबवेल को संचालित कर रही है. नलकूप प्रमंडल में 187 कर्मियों की जगह मात्र 44 कर्मी ही सभी कार्यों का संचालन कर रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नलकूप प्रमंडल के कार्य किस हद तक सुचारु रूप से संचालित होते होंगे.
कितनी कर्मियों की है आवश्यकता
142 ट्यूबवेल संचालित करने के लिए 142 ट्यूबवेल ऑपरेटर , 142 हेल्पर , 142 मेठ की आवश्यकता है, तभी जाकर सभी ट्यूबवेल पर पर्याप्त संख्या में कर्मी रहेंगे और बेहतर ढंग से सिंचाई कार्य संचालित होगा .