कान्हा के जन्मोत्सव में डूबा गांव-शहर

गोपालगंज/थावे/कटेया: गोपाल आला रे जैसे गीतों के बोल, हर तरफ खुशी और जश्न का माहौल, शास्वत जन्म की उम्मीद. ये नजारा था बुधवार को गांव से शहर तक जन्माष्टमी के अवसर पर. बच्चे हो या बुजुर्ग, नर हो या नारी, सबके मन में भक्ति की बोल थी. खुशियों से लोग थिरक रहे थे और इंतजार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2013 1:18 AM

गोपालगंज/थावे/कटेया: गोपाल आला रे जैसे गीतों के बोल, हर तरफ खुशी और जश्न का माहौल, शास्वत जन्म की उम्मीद. ये नजारा था बुधवार को गांव से शहर तक जन्माष्टमी के अवसर पर. बच्चे हो या बुजुर्ग, नर हो या नारी, सबके मन में भक्ति की बोल थी. खुशियों से लोग थिरक रहे थे और इंतजार था अर्ध रात्रि का. सब कुछ वैसा लग रहा था, जैसा सचमुच इधर आ गया है कान्हा और हर घर में बाल रूप में दर्शन देंगे. गांव से शहर तक कान्हा के जन्मोत्सव का जश्न बुधवार को धूमधाम से मनाया गया.

घर-घर में पूजा-अर्चना की गयी. मंदिरों में राधे-कृष्ण के गुणगान होते रहे. स्त्री-पुरुष, बच्चे अहले सुबह से देर रात्रि तक बीतते समय के साथ भक्ति और आस्था परवान चढ़ती गयी और उस अद्भूत घड़ी के इंतजार में लोग जागते रहे. गुनगुनाते रहे. घर से लेकर मंदिरों तक पूजा का दौर चलता रहा. कहा गया है कि भारतीय संस्कृति की पौराणिक गाथाओं में श्रीकृष्ण सभी कलाओं से युक्त हैं. उनकी लीला जहां अद्भुत है. वहीं उनका वचन व्यक्ति, समाज, राज्य और देश के लिए कल्याणकारी है.

सजाये गये गोपाल मंदिर व ठाकुरबाड़ी : जिले के सभी गोपाल मंदिरों और ठाकुर बाडि़यों को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आकर्षक ढंग से सजाये गये थे. पूजा-अर्चना के अलावा दिन भर भजन-कीर्तन गूंजते रहे. देर शाम मंदिरों में विशेष पूजा की व्यवस्था की गयी थी. जिले के हथुआ गोपाल मंदिर, थावे रेलवे परिसर, शहर की ठाकुरबाड़ी, बरौली के भडकुईयां में मठ सहित जिले के कई जगहों पर धार्मिक अनुष्ठान एवं राधे-कृष्ण के गुणगान होते रहे. इसके अलावा कई घरों में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं झूला की व्यवस्था की गयी थी.

अद्भुत संयोग : साधु व गृहस्थों ने रखा व्रत : इस बार का कृष्ण जन्म अष्टमी सबके लिए विशेष था. द्वापर में भादो कृष्ण अष्टमी तिथि को भगवान का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. उस समय वृष के चंद्रमा थे. लंबे अरसे बाद पहली इस बार ठीक उसी प्रकार अष्टमी को बुधवार दिन, रोहिणी नक्षत्र और लग्न भी वही है. इस विशेष महत्वपूर्ण योग, नक्षत्र और लग्न के एक साथ होने के कारण गृहस्थ और साधु सभी ने एक साथ व्रत रखा. पंडित चंद्रकिशोर मणि त्रिपाठी ने बताया कि इस बार कृष्ण अष्टमी व्रत अतिमंगलकारी है. इस बार विशेष नक्षत्र और दिन का योग होने के कारण कन्हैया की भक्ति, कथा, वचन और गुणगान से ऐश्वर्य, धन की प्राप्ति और कष्टों से छुटकारा मिलता है.

… कान्हा आज मेरो घर जन्म लियो : जो देवो में प्यास हो, सभी कलाओं से युक्त हो, सबसे सुंदर हो, प्रेमियों का प्रेमी हो. दुश्मनों का दुश्मन हो, त्रिलोक में श्रेष्ठ हो, भला पुत्र के रूप में कौन ऐसे बालक को इनकार कर सकता है. बुधवार को कुछ इन्हीं उम्मीदों को संजाये कई गर्भवती महिलाएं निजी क्लिनिकों एवं सरकारी अस्पतालों में भरती हुई थी. ठीक बारह बजे उनके घर भी कान्हा का जन्म हो, इन्हीं उम्मीदों पर परिजन अस्पतालों में पलके बिछाये थे. अपनी बहू को लेकर आयी सरिता देवी ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि आज मेरे घर कन्हैया आयेंगे.

मां सिहासनी के दरबार में कान्हा का जन्मोत्सव : थावे त्र समस्त रेलवे परिवार तथा स्थानीय जनता के सौजन्य से थावे रेल परिसर में श्री कृष्ण जन्मोत्सव समारोह का उद्घाटन एसडीओ रेयाज अहमद खां ने किया. उन्होंने श्रीकृष्ण की लीलाओं की चर्चा की तथा उनके कृत्य से सबक लेने तथा अपने जीवन में उतारने की अपील की. दो सितंबर तक विभिन्न कार्यक्रम होंगे. आज प्रो हीरा प्रसाद द्वारा संगीत एवं ड्रामा का आयोजन किया जायेगा. कल अभियंता अरविंद कुमार व मनोज गिरि के बीच दो गोला मुकाबला होगा. 31 अगस्त को वाराणसी के अनवर सावरी तथा समा परवीन द्वारा कव्वाली कार्यक्रम पेश होगा. पहली सितंबर को मधु डांस एवं ड्रामा पार्टी एवं 2 सितंबर को वितेंद्र गिरि एवं तपेश्वर चौहान द्वारा शानदार दो गोला मुकाबला होगा. 2 सितंबर को ही 12 बजे दिन से छठिहार भोज का कार्यक्रम होगा. उद्घाटन के दौरान इंस्पेक्टर आरपीएफ थावे जर्नादन शुक्ला, प्रभारी जीआरपी थावे विकास कुमार सिंह, एसएस यूसी मिश्रा, शिक्षक विक्रम प्रसाद के अलावा कई गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

श्रीकृ ष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर मची धूम : मांझागढ प्रखंड क्षेत्र के श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना हुआ है. स्थानीय प्रखंड के ऐतिहासिक गढ़ मंदिर की भव्यता और सुंदरता इस अवसर पर लोगों का मन मोह रही है.

मंदिर में स्थित भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को सजाया गया है. मंदिर के महंत श्री रामाश्रय दास जी महाराज कहते हैं कि प्रत्येक साल की भांति इस वर्ष भी परंपरागत तरीके से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है.

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