-ऊहापोह की स्थिति में हैं अभिभावक-अधिकारी बने मूकदर्शकसंवाददाता, गोपालगंज नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के कारण छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. सरकार व शिक्षकों की लड़ाई मंे बच्चे पिस रहे हैं. अभिभावक भी ऊहापोह की स्थिति में हैं. गौरतलब है कि जिले के नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. हड़ताली शिक्षकों द्वारा विद्यालयों को तो बंद कराया ही जा रहा है, बल्कि बीआरसी को भी बंद कराया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ अधिकारी मूकदर्शक बने हंै. हड़ताल से विद्यालयों के पठन-पाठन पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. डीइओ ने सभी बीइओ से हड़ताली नियोजित शिक्षकों की सूची की मांग की है. सूची आने के बाद स्पष्ट हो पायेगा कि कितने नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. सूची आने पर इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दी जायेगी.पूरे जिले में प्रारंभिक शिक्षकों (प्राथमिक व मध्य) की संख्या – 9262माध्यमिक शिक्षकों की संख्या – 366उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों की संख्या – 309 विद्यालयों की संख्याप्राथमिक विद्यालय — 987मध्य विद्यालय — 661नवसृजित प्राथमिक विद्यालय — 119राजकीय कृत उच्च विद्यालय – 50उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय – 60क्या कहते हैं अधिकारीनियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से विद्यालयों में पठन-पाठन पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. हड़ताली नियोजित शिक्षकों की सूची सभी बीइओ से मांगी गयी है. शिक्षा विभाग का प्रयास है कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो. वस्तु स्थिति की जानकारी विभाग को दी जायेगी. अशोक कुमार, डीइओ
सरकार व शिक्षकों की लड़ाई में पिस रहा छात्रों का भविष्य
-ऊहापोह की स्थिति में हैं अभिभावक-अधिकारी बने मूकदर्शकसंवाददाता, गोपालगंज नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के कारण छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. सरकार व शिक्षकों की लड़ाई मंे बच्चे पिस रहे हैं. अभिभावक भी ऊहापोह की स्थिति में हैं. गौरतलब है कि जिले के नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. हड़ताली शिक्षकों द्वारा विद्यालयों को तो […]
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