बाजार में बिक रही जहरीली लौकी !

लौकी की बतिया में ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शनफायदे के लिए सेहत के साथ हो रहा खेलगोपालगंज . लौकी हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है. इसमें कई पौष्टिकारक तत्व पाये जाते हैं. लेकिन, अफसोस की बात यह है कि मांग बढ़ने के साथ ही इसकी गुणवत्ता समाप्त हो रही है. लौकी जल्दी तैयार करने के लिए उसमें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2015 7:03 PM

लौकी की बतिया में ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शनफायदे के लिए सेहत के साथ हो रहा खेलगोपालगंज . लौकी हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है. इसमें कई पौष्टिकारक तत्व पाये जाते हैं. लेकिन, अफसोस की बात यह है कि मांग बढ़ने के साथ ही इसकी गुणवत्ता समाप्त हो रही है. लौकी जल्दी तैयार करने के लिए उसमें ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगाया जा रहा है. अमूमन लौकी के पौधों में 60 दिन बाद फूल लगना शुरू होता है. फूल से लौकी तैयार होने में भी एक सप्ताह से एक पखवारे तक का समय लगता है. लेकिन, जल्दी फायदे के लिए किसान लौकी की बतिया में शाम के समय सीरिंज से ऑक्सीटोसिन की कुछ मात्रा डाल देते हैं. इसके कुछ दिन बाद ही लौकी अप्रत्याशित रूप से बड़ी हो जाती है. फिर उसे बाजार में लाकर बेच दिया जाता है.ऐसे करें पहचानबाजार से हरी व अच्छी दिखनेवाली लौकी लाकर फ्रिज या बाहर रख दें. लौकी में ऑक्सीटोसिन का जहरीला इंजेक्शन लगा है, तो वह दो दिनों के अंदर ही काली पड़ने लगेगी. तीन दिनों में उसका रंग काला हो जायेगा.प्रतिबंधित है ऑक्सीटोसिनप्रदेश सरकार के आदेश पर जिले में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की बिक्र ी को प्रतिबंधित कर दिया है. इसके बाद भी जिले भर में ज्यादा दाम पर ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बिक रहा है. पैसे के लोभ में दवा दुकानदार इसे खुलेआम बेच रहे हैं.गैस व बदहजमी की समस्या आतीसदर अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ विमल कुमार ने कहा कि शरीर में ऑक्सीटोसिन की मात्रा जाने से गैस्ट्रोइंटािइटस, बदहजमी की समस्या हो सकती है. ऑक्सीटोसिन पुरुषों से ज्यादा महिलाओं के शरीर को नुकसान पहुंचाता है. इससे अंगों में शिथिलता की समस्या हो सकती है.

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