किसान के बेटों ने लिया संकल्प, अब नहीं करेंगे खेती

सदमे से पिता के मौत के बाद बेटोें ने लिया निर्णयकर्ज लेकर की थी खेतीफोटो -18संवाददाता, कटेयाखेती पीढ़ी-दर-पीढ़ी जीवन का आधार रही है. आज वही खेती जब घर के मुखिया की मौत का कारण बनी, तो बेटों ने निर्णय लिया कि अब नहीं करेंगे खेती. अपने पिता के शव के पास बेटों ने यह संकल्प […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2015 6:03 PM

सदमे से पिता के मौत के बाद बेटोें ने लिया निर्णयकर्ज लेकर की थी खेतीफोटो -18संवाददाता, कटेयाखेती पीढ़ी-दर-पीढ़ी जीवन का आधार रही है. आज वही खेती जब घर के मुखिया की मौत का कारण बनी, तो बेटों ने निर्णय लिया कि अब नहीं करेंगे खेती. अपने पिता के शव के पास बेटों ने यह संकल्प लिया. कटेया प्रखंड के खुरहुरिया गांव के किसान रामाधार साह अपनी पैतृक जमीन पर वर्षों से खेती कर परिवार का भरण-पोषण करते थे. खेती में कई बार दिक्कतें भी आयीं, लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं आयी कि किसान को इतना सदमा लगा हो. मंगलवार की सुबह अपने खेतों के अनाज को देख वे इतना मर्माहत हुए कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गयी. 12 लोगों के परिवार कोखिलाने के बाद वे हर वर्ष इससे कुछ आय भी कर लिया करते थे. अभी हाल ही में उन्होंने अपनी पोती की शादी बड़ी धूमधाम से की थी. शादी में वे कर्जदार भी हो गये. कटनी के बाद फसल को देख कर उनके सारे सपने चूर हो गये. उन्हें ऐसा सदमा लगा, जिससे उनकी जान चली गयी. पिता की मौत से उनके दोनों बेटे टूट गये हंै. बड़ा पुत्र सुमंत साह तथा दूसरा विनय साह के सामने विरासत में मिली खेती मिली है. एक तरफ इसी खेती की वजह से उनके पिता का शव उनकी आंखों के आगे पड़ा है, तो दूसरी तरफ वही खेती भी उनके सामने है. बेटों ने व्यवसाय या मजदूरी को उचित मानते हुए खेती न करने का संकल्प लिया है.

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