धान घोटाला : हाइकोर्ट के निर्णय पर मुश्किल में पड़े धांधली में लिप्त अधिकारी
गोपालगंज : धान खरीद घोटाले में पटना हाइकोर्ट ने सीबीआइ जांच कराने का आदेश दिया है. विभाग आवश्यक रेकॉर्ड तलब कर सीबीआइ को सौंपने की तैयारी में जुटा है. सीबीआइ जांच की भनक लगते ही खाद्यान्न माफियाओं में हड़कंप मच गया है. बता दें कि अब तक 14 अधिकारियों पर 5.69 करोड़ के घोटाले में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. एक दर्जन से अधिक अधिकारी इस घोटाले में लिप्त बताये जा रहे हैं.
इनका राज्य के विभिन्न स्थानों पर तबादला हो चुका है. हालांकि इस प्रकरण में अब सीबीआइ की टीम अधिकारी से लेकर मिलर और धान क्रय केंद्र तथा किसानों तक से जांच करेगी. किसानों से पूछताछ में ही स्पष्ट होगा कि किस तरह की खरीदारी में घोटाला किया गया.
कागज में खरीदे गये धान का हो रहा खुलासा : वर्ष 2014-15 में धान खरीद में धांधली की डीएम कृष्ण मोहन ने स्टॉक जांच कराने का निर्णय लिया. अधिकारियों की टीम जब पैक्स में जांच करने पहुंची, तो कागज में खरीदारी किये जाने का मामला सामने आने लगा है.
डीएम को सौंपी गयी रिपोर्ट में धान खरीद में बड़े पैमाने पर धांधली की बात सामने आयी है. फुलवरिया पैक्स की जांच के लिए वरीय उपसमाहर्ता शंकर शरण के नेतृत्व में टीम पहुंची. फुलवरिया पैक्स को गिदहां पैक्स का धान खरीदने के लिए अधिकृत किया गया था. पैक्स ने गिदहां के अलावा कोयलादेवा, मांझा गोसाई पैक्स के भी किसानों के नाम पर कुल 31 किसानों से धान खरीदने का स्टॉक बताया.
जांच के दौरान पाया गया कि 20 किसानों का हस्ताक्षर रजिस्टर पर था, जबकि 11 किसानों का हस्ताक्षर तक नहीं था. कटेया व्यापार मंडल में सन्नाटा पसरा हुआ है. अध्यक्ष की तरफ से दावा किया गया है कि धान की खरीद अपने आवास पर की गयी. चौंकानेवाली बात यह है कि 5225 मीटरिक टन धान खरीदने का दावा किया गया है. व्यापार मंडल की जांच डीसीओ की टीम ने की है.
किसानों से पूछताछ की जरूरत नहीं समझी गयी है. किसानों से पूछताछ में स्पष्ट होगा की धान की खरीदारी का सच क्या है.एसएफसी में हुए घोटाले में लिप्त अधिकारियों के द्वारा अब राशि लौटायी जाने लगी है. फुलवरिया के सीआइ समेत कई अधिकारियों द्वारा राज्य खाद्य निगम में सीबीआइ से बचने के लिए उनके नाम पर बकाया राशि को आनन-फानन में जमा कराया जा रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
वर्ष 2004-15 के क्रय केंद्रों के स्टॉक की जांच करायी जा रही है.
हर दिन जांच में कुछ -न -कुछ गड़बड़ियां आ रही हैं. पूरी रिपोर्ट आने के बाद इसमें कार्रवाई की जायेगी.
कृष्ण मोहन, डीएम