फसल क्षति का कारण बना प्राकृतिक आपदा/असंपा

-कृषि वैज्ञानिकों ने की बतरदेह दियारे में फसल जांच-बड़े पर क्षति स्वीकारी बात-60 से 80 फीसदी नुकसान की बतायी बातसंवाददाता. गोपालगंज भले हीं जिला कृषि विभाग फसल नुकसान से इनकार करता रहा लेकिन कृषि वैज्ञानिकों ने जांचोपरांत कहा है कि किसानों के फसल का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ हैं तथा फसल क्षति का कारण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2015 9:04 PM

-कृषि वैज्ञानिकों ने की बतरदेह दियारे में फसल जांच-बड़े पर क्षति स्वीकारी बात-60 से 80 फीसदी नुकसान की बतायी बातसंवाददाता. गोपालगंज भले हीं जिला कृषि विभाग फसल नुकसान से इनकार करता रहा लेकिन कृषि वैज्ञानिकों ने जांचोपरांत कहा है कि किसानों के फसल का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ हैं तथा फसल क्षति का कारण वारिस रूपी प्राकृतिक आपदा है. वैज्ञानिकों ने ये भी कहा हैं कि किसान मुआवजे के हकदार है. शुक्रवार को कृषि वैज्ञानिकों की टीम बरौली प्रखंड के बतरदेह दियारे में दो दर्जन से अधिक किसानों के खेतों में जाकर गेहूं के बालियों की जांच की तथा नमूना लेकर लौटे. उक्त जांच बरौली में मुआवजे के लिये किसानों द्वारा अनशन करने के बाद की गयी. जांच करने गये कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि गेहूं के बाली मे दाना नहीं लगने का कारण बीज नहीं है बल्कि मार्च में हुई वारिस है. जिसके कारण परागण नहीं हो सका. लेकिन वारिस के कारण बड़े पैमाने पर किसानों का नुकसान हुआ है. और वे मुआवजे के हकदार हैं. वैैज्ञानिकों की मानी जाय तो कई किसान ऐसे हैं जिनका शत् फीसदी नुकसान हुआ है. फसल जांच में कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसके चौधरी, बीडीओ कुमार प्रशांत सहित कई किसान उपस्थित थे.

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