वुशु मार्शल आर्ट ट्रेनिंग का हुआ आयोजन

प्रतिभागियों को दिया गया प्रमाण पत्रआंबेडकर भवन में कार्यक्रम का हुआ आयोजनफोटो-23- कर्राटे प्रशिक्षण में शामिल छात्र-छात्राएं.गोपालगंज . वुशु एसोसिएशन के द्वारा आंबेडकर भवन में प्रथम जिला वुशु मार्शल आर्ट ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया. इसका संचालन अंतरराष्ट्रीय कोच सुनील कुमार ने किया. इसमें सैकड़ों खिलाडि़यों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. प्रशिक्षण के दौरान इन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2015 8:04 PM

प्रतिभागियों को दिया गया प्रमाण पत्रआंबेडकर भवन में कार्यक्रम का हुआ आयोजनफोटो-23- कर्राटे प्रशिक्षण में शामिल छात्र-छात्राएं.गोपालगंज . वुशु एसोसिएशन के द्वारा आंबेडकर भवन में प्रथम जिला वुशु मार्शल आर्ट ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया. इसका संचालन अंतरराष्ट्रीय कोच सुनील कुमार ने किया. इसमें सैकड़ों खिलाडि़यों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. प्रशिक्षण के दौरान इन्होंने बहुत सारी गतिविधियों के बारे में बताया. इसमें जिले के सभी प्रखंडों से लड़के-लड़कियों ने भाग लिया. प्रशिक्षण के अंत में अंतरराष्ट्रीय कोच सह गोल्ड मेडलिस्ट सुनील कुमार ने ग्रेड-सी का प्रमाणपत्र सभी प्रशिक्षुओं को अपने हाथों से दिया. जिला महासचिव मास्टर सोनू ने एक स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. बिहार वुशु एसोसिएशन के महासचिव दिनेश कुमार मिश्र गोपालगंज वुशु एसोसिएशन के मेंबर धनंजय यादव, कन्हैया प्रसाद, प्रियंका देवी, बृजबिहारी शरण, जय प्रकाश सिंह आदि ने खिलाडि़यों का प्रशिक्षण सफल होने का धन्यवाद दिया. क्या है आर्ट वुशुवुशु एक चाइनीज मार्शल आर्ट है. इसका इतिहास पांच सौ साल पुराना है. वुशु चाइनीज शब्द वु और शु से मिल कर बना है. वु का मतलब वार, डांस एक्सरसाइज, अटैक व डिफेंस. वहीं, शु का अर्थ है आर्ट ऑफ वार. प्राचीनकाल से ही इसे कुंगफू के नाम से जाना जाता है. वुशु अधिकतर जानवरों और पशुओं की गतिविधियों पर आधारित है. अब इसे शारीरिक एवं आध्यात्मिक विकास की प्रणाली के रूप में लिया जाता है वर्तमान समय में वुशु को चीन सहित सौ से ज्यादा देशों में मुख्य रूप से खेल एवं स्वास्थ्य क्रियाओं के रूप में ले लिया गया है.

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