आंधी-पानी से फसलों को भारी नुकसान
मौसम की मार : गड़गड़ाता रहा आसमान, छाये रहे काले बादल, खूब उड़ी धूल प्रकृति का कहर जिलावासियों पर सितम ढा रहा है. मौसम की बेरुखी ने त्रसदी बन लोगों की नींद उड़ा दी है. ऐसा लग रहा है कि मानों सब कुछ लुट जायेगा. आंधी-पानी और फिर भूकंप के झटकों ने आम से खास […]
मौसम की मार : गड़गड़ाता रहा आसमान, छाये रहे काले बादल, खूब उड़ी धूल
प्रकृति का कहर जिलावासियों पर सितम ढा रहा है. मौसम की बेरुखी ने त्रसदी बन लोगों की नींद उड़ा दी है. ऐसा लग रहा है कि मानों सब कुछ लुट जायेगा. आंधी-पानी और फिर भूकंप के झटकों ने आम से खास तक को झकझोर कर रख दिया है. आखिर इस त्रसदी से कब पीछा छूटेगा.
यह सवाल सबके मन में गूंज रहा है. एक एवं दो मार्च को आंधी और बारिश ने गेहूं की फसल को बरबाद कर दिया. नतीजतन किसान कंगाल हो गये. इस संकट से उबरने का प्रयास ही चल ही रहा था कि शनिवार से रविवार तक आये भूकंप के झटकों ने सबको हिला कर रख दिया. सोमवार को लोग अभी राहत की सांस ले ही रहे थे कि तक मंगलवार को आंधी-बारिश ने एक बार फिर लोगों का दिल दहला दिया.
गोपालगंज : मंगलवार की दोपहर अचानक मौसम ने करवट लिया. देखते-ही-देखते आसमान में काले बादल छा गये. दोपहर में रात का नजारा बन गया. आसमान में गड़गड़ाहट, चमकती बिजली और टपकतीं बारिश की बूंदें मानों काल बन कर आयी हैं.
भूकंप के झटकों के भय से लोग अभी उबर भी नहीं पाये थे कि तेज आंधी-पानी ने लोगों में दहशत फैला दी. शहर में हर तरफ बेचैनी रही और सभी घरों को भागने लगे. दिन भर आसमान गड़गड़ाता रहा और बिजली कौंधती रही. इस आंधी और पानी से फसल को नुकसान पहुंचा है. अभी गेहूं की 25 फीसदी कटनी नहीं हुई थी.
कई किसानों ने गेहूं काट कर बोझों जमा किये थे. गेहूं की दवनी के लिए किसानों की चिंता बढ़ गयी है. किसानों का कहना है कि गेहूं के बोङो सड़ जायेंगे. वहीं, मक्का की फसल को भारी नुकसान हुआ है. आंधी से मक्के के पौधे गिर गये हैं. पानी से गन्ना की फसल को फायदा हुआ है. सर्वाधिक नुकसान किसानों को हुआ है.
छाये रहेंगे बादल
विगत एक सप्ताह तक मौसम में भारी उतार-चढ़ाव रहेगा. पूसा कृषि अनुसंधान केंद्र सह मौसम विज्ञान के अनुसार दो दिनों तक आसमान में बादल छाये रहेंगे, तेज हवा चलेगी. तापमान में सामान्य अंतर नहीं होगा. एक मई से तापमान में लगातार वृद्धि होगी तथा 4 मई तक 43 डिग्री तक पारा पहुंचने का अनुमान है. ऐसे में बदन झुलसाने वाली गरमी पड़ेगी.