मुआवजे को लेकर बटाईदारों में मायूसी
बटाईदार किसानों के पास नहीं है जमीन की रसीदसंवाददाता, कुचायकोट फसल क्षति योजना में जमीन मालिकों की चांदी कटेगी और गरीब बटाईदार का ही हो जायेगा बंटाधार. जी हां, कृषि विभाग के नये फरमान से छोटे-छोटे बटाईदार किसानों के होश उड़ गये हंै. ऐसी चर्चा बटाईदार किसान सुजीत पंडित, शंकर पासवान, अफजल अंसारी, कमल मुखिया, […]
बटाईदार किसानों के पास नहीं है जमीन की रसीदसंवाददाता, कुचायकोट फसल क्षति योजना में जमीन मालिकों की चांदी कटेगी और गरीब बटाईदार का ही हो जायेगा बंटाधार. जी हां, कृषि विभाग के नये फरमान से छोटे-छोटे बटाईदार किसानों के होश उड़ गये हंै. ऐसी चर्चा बटाईदार किसान सुजीत पंडित, शंकर पासवान, अफजल अंसारी, कमल मुखिया, केदार तिवारी आदि के बीच है. विभाग के अनुसार, उन बटाईदारों को ही फसल क्षति का मुआवजा मिलेगा, जिन्होंने जमीन मालिकों के साथ एकरारनामा कराया है. ऐसे में यह गोपनीय विषय है कि क्या जमीन मालिक बटाईदारों को फसल क्षति मुआवजा योजना का लाभ देंगे. बटाईदार हैरान व हतप्रभ हैं. इन किसानों ने बताया कि मौसम की बेरु खी से फसल तो बरबाद हुई ही है, मुआवजा मिलने की उम्मीद थी वह भी धरी-की-धरी रह गयी है. कृषि विभाग के दफ्तर में जाने पर पता चलता है कि एकरारनामा राजस्व रसीद ले आइए, पर हमलोग बटाईदार किसान कहां से राजस्व रसीद दें. जमीन मालिक कुछ सुनने को तैयार नहीं है. ऐसे हजारों बटाईदार किसान हैं, जिनकी गेहंू, मसूर की फसल बरबाद हो गयी है. प्रखंड कृषि कार्यालय के कर्मियों की मानें, तो प्रत्येक पंचायत से चार से पांच सौ आवेदन फसल क्षति को लेकर पड़े हंै. इनमें से अधिकतर बटाईदार आवेदक हैं. अब देखना है कि विभाग बटाईदारों पर मेहरबान होता है कि जमीन मालिकों पर.