्रपेयजल की समस्या गंभीर, विभाग मौन

.. बेमानी साबित हो रही जलमीनार, आज तक नहीं टपका एक बूंद पानीसंवाददाता, भोरे भोरे के लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. सरकारी चापाकलों की खराबी व दूषित जल देने के कारण लोग सामान्य हैंडपंपों से निकल रहे मीठा जहर पीने को मजबूर हैं. पेयजल की समस्या से निजात के लिए भोरे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2015 9:05 PM

.. बेमानी साबित हो रही जलमीनार, आज तक नहीं टपका एक बूंद पानीसंवाददाता, भोरे भोरे के लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. सरकारी चापाकलों की खराबी व दूषित जल देने के कारण लोग सामान्य हैंडपंपों से निकल रहे मीठा जहर पीने को मजबूर हैं. पेयजल की समस्या से निजात के लिए भोरे में जलमीनार का निर्माण तो कराया गया, लेकिन विडंबना यह रही कि इससे आज तक एक बूंद पानी नहीं टपका. इसके कारण भोरे जैसे ग्रामीण क्षेत्र में वाटर प्यूरीफायर प्लांटों का धंधा खूब फल-फूल रहा है. हाल के कुछ वर्षों से लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. विभाग जागरु कता अभियान के तहत अब इस बात को प्रचारित कर रहा है कि दूषित जल का सेवन न करे, यह बीमारियों की जननी है. लेकिन,लोग करें भी तो क्या लोगों को दूषित जल ग्रहण करने की मजबूरी हैं. अब तो सरकारी हैंडपंपों से भी दूषित जल निकल रहा है. ऐसे में हर रोज लोग मीठा जहर पीने को मजबूर हैं. वहीं, विभाग द्वारा अभी हाल ही में सरकारी चापाकलों की जांच की गयी थी, लेकिन लोगों को यह जानकारी नहीं मिली कि हैंडपंप कितना शुद्ध पानी दे रहा है. आंकड़े गवाह हैं कि भोरे में दूषित जल के कारण अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. करोड़ों की लागत से बनी जलमीनार दिखावा बन कर रह गयी है. आपूर्ति के लिए सभी वार्डों में बिछाये गये पाइप अब क्षतिग्रस्त होने लगे हैं, लेकिन उनसे पानी सप्लाइ नहीं हुई. ऐसे में पेयजल की समस्या से जूझ रही जनता जल जनित बीमारियों की चपेट में आ रही है.

Next Article

Exit mobile version