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60 गांवों की नहीं आयी रिपोर्ट
कर्ज से दबे किसानों के भाग्य से खेल रहे अधिकारी गोपालगंज : ओलावृष्टि तथा बारिश में किसानों की फसल इस बार 90-100 फीसदी तक बरबाद हुई. जिन किसानों ने कर्ज लेकर गेहूं की खेती की थी, उनकी लागत भी डूब गयी. फसल की कटनी में लगनेवाली राशि की भी भरपाई नहीं हो पायी. फसल क्षतिपूर्ति […]
कर्ज से दबे किसानों के भाग्य से खेल रहे अधिकारी
गोपालगंज : ओलावृष्टि तथा बारिश में किसानों की फसल इस बार 90-100 फीसदी तक बरबाद हुई. जिन किसानों ने कर्ज लेकर गेहूं की खेती की थी, उनकी लागत भी डूब गयी. फसल की कटनी में लगनेवाली राशि की भी भरपाई नहीं हो पायी.
फसल क्षतिपूर्ति में अधिकारियों ने ब्लॉक में बैठ कर किसानों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया. जिन किसान ने बैंक से केसीसी लेकर गेहूं की खेती की थी, उन्हें फसल बीमा की राशि से उम्मीद थी. जिले के किसानों ने बैंकों से 98 करोड़ की राशि लेकर गेहूं की फसल लगायी थी. कर्ज में डूबे किसानों के भाग्य से अधिकारी खेल रहे हैं.
आज जमा होनी है क्रॉप कटिंग की रिपोर्ट : फसल बीमा की राशि बीमा कंपनी फसल कटनी प्रयोग (क्रॉप कटिंग) के रिपोर्ट को आधार मान कर देती है. जिले में प्रत्येक प्रखंड के 10 गांवों का चयन कर जिला सांख्यिकी विभाग ने फसल कटनी कर प्रयोग के लिए प्रखंड कार्यालयों को भेजा था.
60 गांवों की फसल कटनी रिपोर्ट शनिवार तक जिला सांख्यिकी विभाग को उपलब्ध नहीं हुई. बता दें कि राज्य सरकार ने 31 मई को पूरे राज्य से फसल कटनी रिपोर्ट की अंतिम तिथि निर्धारित की है. 31 मई तक जिले से रिपोर्ट नहीं गयी, तो किसान फसल बीमा की राशि से वंचित हो जायेंगे.
पांच प्रखंडों ने जमा की रिपोर्ट : फसल कटनी प्रयोग की रिपोर्ट पांच प्रखंडों ने समय पर जमा की है.जिन प्रखंडों की रिपोर्ट आ गयी है, वहां के किसानों को फसल बीमा की राशि मिलने की उम्मीद जगी है. इनमें थावे, भोरे, पंचदेवरी, मांझा के किसानों को रिपोर्ट जाने से बेहतर उम्मीद की जा रही है.
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