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थाने के मुख्य गेट पर प्रदर्शन

बैकुंठपुर: थाने के मीराटोला में हुए माओवादी हमले के खिलाफ आक्रोशित लोग पुलिस के खिलाफ गरज उठे. मीरा टोला घटना में अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित लोगों ने पुलिस के खिलाफ आंदोलन पर उतर आये. इसके विरोध को देखते हुए बैकुंठपुर मुख्यालय के दिघवा दुबौली बाजार को व्यवसायियों ने स्वत: बंद कर इस […]

बैकुंठपुर: थाने के मीराटोला में हुए माओवादी हमले के खिलाफ आक्रोशित लोग पुलिस के खिलाफ गरज उठे. मीरा टोला घटना में अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित लोगों ने पुलिस के खिलाफ आंदोलन पर उतर आये. इसके विरोध को देखते हुए बैकुंठपुर मुख्यालय के दिघवा दुबौली बाजार को व्यवसायियों ने स्वत: बंद कर इस आंदोलन में शामिल हो गये, जिसके कारण बाजार दिन भर बंद रहा.पहली बार पुलिस को पूरे इलाके के आक्रोश को ङोलना पड़ा. बैकुंठपुर थाने के गेट पर पहुंचे आक्रोशित लोगों ने डीएम कृष्ण मोहन तथा पुलिस कप्तान डॉ विनोद कुमार चौधरी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे. माओवादी घटना के विरोध में प्यारेपुर ,फैजुल्लाहपुर ,रेवतिथ ,हकाम ,बंधौली ,बनौरा ,उसरी ,बांसघाट मंसूरियां सहित कई गांवों के करीब पांच हजार लोगों ने थाने का घेराव किया .गुरुवार को 10 बजे से दिघवा दुबौली डाकबंगला चौक पर लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गयी थी. शांतिपूर्ण ढंग से दिघवा दुबौली व मीराटोला बाजार बंद हो गया . डाकबंगला चौक से प्रदर्शन शुरू हो कर दिघवा दुबौली बाजार होते नारेबाजी करते थाने के मुख्य गेट पर लोग पहुंच कर घंटों प्रदर्शन किया .पुलिस के जवान व दंडाधिकारी सीओ वकील सिंह गेट बंद कर बाहर आ गये. लोगों को काफी समझाया. लोगों ने अपनी मांग के रूप में मृतक नंदकिशोर राय व मोहन राय के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा व एक एक नौकरी की मांग की. मीराटोला हत्याकांड का परदाफाश हो ,आरोपितों की अविलंब गिरफ्तारी हो .नामजद लोगों को रिमांड पर लिया जाये. हत्या की उच्चस्तरीय जांच हो. सीबीआइ जांच हो.सीओ व थानाध्यक्ष से दर्जनों लोगों ने किया जवाब -तलब किया.थानाध्यक्ष अभिनंदन मंडल व इंस्पेक्टर गोरख नाथ थाने के गेट पर कार्रवाई होने की बात कही.उन्होंने आश्वासन दिया तब जाकर लोग शांत हुए .धीरे- धीरे प्रखंड मुख्यालय की ओर बढ़ चले. प्रदर्शनकारी काली पट्टी बांध कर रोषपूर्ण प्रदर्शन किये . प्रदर्शनकारियों ने सीओ को ज्ञापन भी सौंपा. प्रदर्शनकारियों ने सीबीआइ जांच की मांग को लेकर आंदोलित थे. घटना के दो सप्ताह के बाद भी पुलिस द्वारा आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं किये जाने के विरोध में उतरे लोग थाना गेट पर घेराव प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व सपा युवा नेता रविरंजन उर्फ विजय बहादुर यादव ने किया .साथ में लालबहादुर प्रसाद गुप्ता, भिाखारी राय ,सुरेश यादव ,मनीष ऋषि ,अशोक तिवारी ,सुनील सिंह, शैलेश सिंह, भीम गिरी, हरेंद्र गिरी अजय शुक्ला, शहीद मिया, दुधनाथ साह ,मारूकनंदन सिंह ,बुधन राय ,स्वामीनाथ प्रसाद , बदरी ठाकुर विजेंद्र शर्मा, अली इमाम मियां सहित कई लोग मौजूद थे. मीराटोला की घटना में पहली बार थाने में पांच हजार से अधिक लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. आंदोलनकारी शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन को अंतिम रूप देने का प्रयास किया. बीच में कई गुटों में आंदोलनकारी बंट गये, जिसके कारण पुलिस को काफी राहत मिली. स्थिति कब विस्फोटक होती कहना मुश्किल था. नेतृत्व करनेवाले लोग भी इसे शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन संपन्न कराया. मीरा टोला कांड के बाद पुलिस के खिलाफ आयोजित आंदोलन को लेकर जिले के वरीय अधिकारी भी परेशान रहे . पल- पल की स्थिति पर वरीय अधिकारियों की नजर थी .डीएम कृष्ण मोहन से लेकर पुलिस कप्तान डॉ विनोद कुमार चौधरी ,एएसपी अनिल कुमार भी इस घटना पर नजर रखे हुए थे. थानाध्यक्ष अभिनंदन मंडल और अंचल पदाधिकारी ने काफी प्रयास कर उग्र आंदोलनकारियों को शांत कराते हुए कार्रवाई की बात कही. हालांकि आंदोलन को देखते हुए कई थानों की अतिरिक्त पुलिस सैप के जवान और बीएमपी के जवानों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था .

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