नुकसान ज्यादा, मुआवजा मिला कम

प्रशासन का दावा. फसल बरबाद होने पर 19,223 किसानों को दी गयी क्षति पूर्ति बारिश व ओला से किसानों की फसल बरबाद हो गयी. महीनों की मेहनत व अच्छी फसल होने की उम्मीद भी खत्म हो गयी. इसके बाद आशा थी कि मुआवजा से कुछ तो नुकसान की भरपाई हो सकेगी. सरकारी घोषणा भी हुई. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2015 6:53 AM
प्रशासन का दावा. फसल बरबाद होने पर 19,223 किसानों को दी गयी क्षति पूर्ति
बारिश व ओला से किसानों की फसल बरबाद हो गयी. महीनों की मेहनत व अच्छी फसल होने की उम्मीद भी खत्म हो गयी. इसके बाद आशा थी कि मुआवजा से कुछ तो नुकसान की भरपाई हो सकेगी. सरकारी घोषणा भी हुई. फिर भी किसानों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल पा रहा.
जो मिल रहा है उस पर कई तरह की बातें हो रही हैं. जिला प्रशासन मुआवजा देने की बात कह रहा है तो कई किसानों को मुआवजा मिलने की जानकारी तक नहीं है. ऐसे में किसानों के जख्म पर मुआवजे का मरहम कितना काम करेगा, यह तो समय ही बातयेगा.
गोपालगंज : बेमौसम बारिशऔर ओला वृष्टि से किसानों को लगे जख्म पर मुआवजे का मरहम लगा है. किसानों को मुआवजे के रूप में अब तक 4.56 करोड़ रुपये बांट देने का दावा जिला प्रशासन ने किया है. प्रशासन का मानना है कि 19 हजार 223 किसानों के बैंक खातों में मुआवजे की रकम भेजी गयी है.
जिन किसानों के खाते में पैसा गया, वे भी नाराज हैं, क्योंकि जो राशि दी गयी है, वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. अधिकांश किसानों को यह पता भी नहीं है कि उन्हें मुआवजा दिया गया है. किसानों की लागत भी इस मुआवजे की राशि से नहीं निकल पा रही है. कर्ज में डूबे किसान की कराह अधिकारियों तक नहीं पहुंच रही, जिस कारण आज किसान खुद को ठगा महसूस कर रहा. वहीं, बड़ी संख्या में किसान आज भी मुआवजे के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. फिर भी किसान को सही जवाब देना भी अधिकारी मुनासिब नहीं समझ रहे.
किसानों के साथ हुआ धोखा!
फसल क्षति का आकलन करने के बाद पंचायत राहत सह निगरानी समिति ने किसानों के दावे को मंजूर करते हुए फसल क्षति पूर्ति के लिए अंचल कार्यालय को रिपोर्ट सौंप दी. डीएम कृष्ण मोहन ने निर्देश दिया था कि किसान के दावे का भौतिक सत्यापन खेत में जाकर करने के बाद मुआवजे की राशि उन्हें उपलब्ध करायी जाये. डीएम के आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया.
राजस्व कर्मचारी अंचल कार्यालय में बैठ कर मनमाने तरीके से किसानों की फसल का रकबा तय कर अनुदान की राशि के लिए अनुशंसा की. नतीजा हुआकि जिस किसान को 27 हजार का मुआवजा मिलना चाहिए, उस किसान को पांच हजार का मुआवजा मिला.
एक नजर में मिलनेवाला मुआवजा
10 कट्ठा : दो हजार
12.5 कट्ठा : तीन हजार
20 कट्ठा : पांच हजार
एक हेक्टेयर : 13500 रुपये
दो हेक्टेयर : 27 हजार
राशि वितरण में पारदर्शिता
फसल क्षति पूर्ति की राशि वितरण में पारदर्शिता बरतने को कहा गया है. अगर किसी किसान की तरफ से शिकायत आती है, तो उसकी जांच कर पूरे मामले की कार्रवाई की जायेगी.
कृष्ण मोहन, डीएम, गोपालगंज

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