ताप की आंच से मुरझाये बादल
सुबह से ही चलता रहा धूप-छांव का खेल ऊमस का अधिक दंश झेलना पड़ाबादलों की आवाजाही भी जारी रहीफोटो नं -1संवाददाता, गोपालगंज प्री मॉनसून से लगा था कि मौसम में बदलाव होगा. लेकिन, तल्ख धूप की आंच में बादल भी मुरझाये-मुरझाये ही रहे. मंगलवार की सुबह से ही धूप-छांव का खेल जारी रहा, लेकिन तल्खी […]
सुबह से ही चलता रहा धूप-छांव का खेल ऊमस का अधिक दंश झेलना पड़ाबादलों की आवाजाही भी जारी रहीफोटो नं -1संवाददाता, गोपालगंज प्री मॉनसून से लगा था कि मौसम में बदलाव होगा. लेकिन, तल्ख धूप की आंच में बादल भी मुरझाये-मुरझाये ही रहे. मंगलवार की सुबह से ही धूप-छांव का खेल जारी रहा, लेकिन तल्खी में कोई कमी नहीं आयी. यह जरूर था कि वातावरण में नमी कम रहने से ऊमस का अधिक दंश झेलना पड़ा. हवा में गरमी जारी रही और जब-जब धूप टकराती चुनचुनाहट दे जाती. पूरे दिन का हाल यह रहा कि रह-रह कर बादल छा जाता, तो कभी आसमान एकदम साफ दिखने लगता. बादलों की आवाजाही भी लगातार जारी रही. बदलेगा मौसम का मिजाज 24 घंटे में अधिकतम आर्द्रता का स्तर 55 से 44 तथा न्यूनतम स्तर 12 से 28 फीसदी पर पहुंच गया. अधिकतम तापमान 46.7 से 40.4 व न्यूनतम स्तर शून्य दशमलव दो डिग्री से गिर कर 27.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. मौसम की तल्खी में कमी नहीं होने के कारण बारिश का माहौल बन रहा, लेकिन पुरवैया हवा मौसम को झकझोर रही है.पर्याप्त आर्द्रता नहींवातावरण में पर्याप्त आर्द्रता नहीं रहने से मौसम का मिजाज पलटी नहीं मार पा रहा है. तीन दिनों से लगातार आर्द्रता में कमी आती रही है. जब आर्द्रता का स्तर बढ़ेगा, तभी यहां लोकल हीटिंग बढ़ने से राहत नहीं मिल पा रही है. मौसम वैज्ञानिक प्रो एसएन पांडेय कहते हैं कि हवा का रु ख दक्षिणी-पश्चिमी हो गया है. ऊपरी वातावरण में बादल पहुंचे हैं, लेकिन आर्द्रता पर्याप्त नहीं होने से कड़क-चमक के साथ आंधी-पानी का मिजाज नहीं बना पा रहा है. जैसे ही नमी का साथ मिलेगा, यहां का मौसमी मिजाज करवट ले लेगा.