खेत में केले की फसल, मुआवजा दिया गेहूं का

इधर कर्मचारियों ने मुआवजा देने में की गड़बड़ी सामाजिक कार्यकर्ता ने किया खुलासा, बीडीओ को लिखा पत्रफोटो 18संवाददाता, भोरेगेहंू की फसल का मुआवजा देने में राजस्व कर्मियों ने भोरे के बड़े किसानों का आवेदन रद्द कर टेबल पर बैठे-बैठे ही मुआवजे की राशि तय कर दी. ऐसा ही एक दिलचस्प मामला भोरे में सामने आया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2015 6:04 PM

इधर कर्मचारियों ने मुआवजा देने में की गड़बड़ी सामाजिक कार्यकर्ता ने किया खुलासा, बीडीओ को लिखा पत्रफोटो 18संवाददाता, भोरेगेहंू की फसल का मुआवजा देने में राजस्व कर्मियों ने भोरे के बड़े किसानों का आवेदन रद्द कर टेबल पर बैठे-बैठे ही मुआवजे की राशि तय कर दी. ऐसा ही एक दिलचस्प मामला भोरे में सामने आया है. खेत में केले की फसल लहलहा रही है, लेकिन विभाग उस किसान पर मेहरबान है कि उसे केले के बदले गेहूं का मुआवजा देने की तैयारी में है. इसका खुलासा भोरे के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बीडीओ को एक पत्र लिख कर किया. प्रशासन ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है. जानकारी के अनुसार, भोरे प्रखंड के नरेंद्र नाथ तिवारी ने गांव के संजीव तिवारी के फसल मुआवजे के दावे को गलत ठहराते हुए बीडीओ सोनू कुमार को पत्र लिख कर कहा है कि संजीव कुमार के आवेदन में जिस खेसरा नंबर का जिक्र किया गया है उसमें केला एवं आम का बाग है. साथ ही स्याही नदी में उगे जंगलों को गेहूं की फसल बताया गया है. बीडीओ ने बताया कि पूरे मामले की जांच का आदेश दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जायेगी.

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