घाटा के कारण बंद हुआ 113 वर्ष पुराना प्रतापपुर चीनी मिल

चीनी मिल पर किसानों का धरना आज, एक से करेंगे अनशन 26 हजार चीनी की बोरी स्टॉक भोरे . बिहार की सीमा पर स्थित प्रतापपुर चीनी मिल का 113 वर्ष पुराना इतिहास रहा है. यह भी एक सच्चाई है कि इन 113 वर्षों के दौरान मिल ने कभी भी किसानों को निराश नहीं हुआ. किसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2015 8:05 PM

चीनी मिल पर किसानों का धरना आज, एक से करेंगे अनशन 26 हजार चीनी की बोरी स्टॉक भोरे . बिहार की सीमा पर स्थित प्रतापपुर चीनी मिल का 113 वर्ष पुराना इतिहास रहा है. यह भी एक सच्चाई है कि इन 113 वर्षों के दौरान मिल ने कभी भी किसानों को निराश नहीं हुआ. किसी भी पेराई सत्र में मिल बंद नहीं हुआ. लेकिन, बदलाव के 113 साल देखने वाला प्रतापपुर चीनी मिल अब शायद एक इतिहास बन कर रह जायेगा. एक तरफ मिल के 150 लोगों को सेवामुक्त कर बंद करने की कवायद की गयी है. ऐसे में किसानों का बकाया एवं खेतों में लगे गन्ने को लेकर किसानों का परेशान होना लाजिमी है. मिल के बाहर किसानों का धरना -प्रदर्शन लगातार जारी है. बता दें कि प्रतापपुर चीनी मिल की स्थापना अंगरेजी राज में वर्ष 1903 ई. में की गयी थी. वर्ष 2005 में मिल को अधिग्रहण किये बजाज ग्रुप 10 वर्षों तक मिल को चलाने के बाद 2015 में अपने 150 कर्मियों को हटा कर मिल बंद करने का फैसला ले लिया. इसके पीछे बजाज ग्रुप का तर्क है कि मिल को घाटा उठाना पड़ रहा है. फिलहाल प्रतापपुर चीनी मिल के पास 26 हजार चीनी की बोरियां स्टॉक में है. 27 जून से बिहार एवं यूपी के किसान संगठन संयुक्त रूप से मिल पर प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद चरणबद्ध तरीके से आमरण अनशन किया जायेगा. इधर, मिल के किसान प्रतिनिधि ददन तिवारी ने बताया कि किसानों का एक मांग पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा गया है. वैसे प्रतापपुर चीनी मिल बंद हो जाने से बिहार के 210 गांवों के किसानों पर असर पड़ेगा.

Next Article

Exit mobile version