एचपी गैस कंपनी के फर्जीवाड़े की खुली पोल
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी जानकारी देने में कंपनी कर रही आनाकानी19 जून को मिला 28 जून को लिखा पत्रसंवाददाता, उचकागांव एचपी गैस कंपनी के फर्जीवाड़े की पोल उस समय खुल गयी, जब किसी आवेदक को कंपनी द्वारा भेजा गया पत्र 19 जून को मिला, जबकि पत्र 28 जून, 2015 को लिखा […]
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी जानकारी देने में कंपनी कर रही आनाकानी19 जून को मिला 28 जून को लिखा पत्रसंवाददाता, उचकागांव एचपी गैस कंपनी के फर्जीवाड़े की पोल उस समय खुल गयी, जब किसी आवेदक को कंपनी द्वारा भेजा गया पत्र 19 जून को मिला, जबकि पत्र 28 जून, 2015 को लिखा गया था. मामले का खुलासा तब हुआ जब फुलवरिया थाना के सेलार खुर्द गांव की रहनेवाली संगम गुप्ता के यहां हिन्दुस्तान पेट्रोलियम का पत्र मिला. बता दें कि आवेदिका संगम गुप्ता द्वारा लाइन बाजार में गैस एजेंसी के लिए कंपनी द्वारा आमंत्रित किये गये आवेदन पत्रों की पूरी जानकारी के साथ कंपनी से मेधा सूची की मंाग की थी. इसका जवाब जब गैस कंपनी द्वारा भेजा गया, तो उसमें यह बात बतायी गयी कि गैस एजेंसी के संचालक द्वारा अपने किसी भी कागजात की छायाप्रति किसी तीसरे पक्ष को नहीं देने का आग्रह किया गया है. इस कारण से कागजात की छायाप्रति नहीं दी सकती. इतना ही नहीं, कंपनी द्वारा भेजे गये पत्र में जो जवाब दिया गया, उसमें उस सवाल का कहीं जिक्र नहीं किया गया था, जिसमें आवेदक ने मेधा सूची की मांग की थी. सवाल यह उठता है कि सूचना जब मेधा सूची के संबंध में मांगी गयी थी, तो कंपनी द्वारा एजेंसी के संचालक के कागजात की छायाप्रति नहीं देने की बात क्यों बतायी है. इतना ही नहीं कंपनी द्वारा जो पत्र भेजा गया था, वो पत्र आवेदिका को 19 जून, 2015 को प्राप्त हुआ, लेकिन पत्र 28 जून, 2015 की तिथि से वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक वरुण कुमार के हस्ताक्षर से जारी कि या गया था. फिलहाल आवेदिका संगम गुप्ता द्वारा इस मामले में कंपनी के वरीय अधिकारियों से संपर्क करने की बात कहीं गयी.