सुप्रीम कोर्ट पर टिकी है उम्मीदवारों की नजर

उहा पोह में पांच दिनों से है दोनों गठबंधन के प्रत्याशीकोर्ट के निर्णय के इंतजार में तेज हुई प्रत्याशियों की धड़कनकोर्ट का फैसला आज तय करेगा उम्मीदवारों की तकदीरगोपालगंज. विधान परिषद चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की धड़कन तेज हो गयी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उम्मीदवारों की नजर टिकी हुई है. ऊहापोह में पिछले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2015 6:06 PM

उहा पोह में पांच दिनों से है दोनों गठबंधन के प्रत्याशीकोर्ट के निर्णय के इंतजार में तेज हुई प्रत्याशियों की धड़कनकोर्ट का फैसला आज तय करेगा उम्मीदवारों की तकदीरगोपालगंज. विधान परिषद चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की धड़कन तेज हो गयी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उम्मीदवारों की नजर टिकी हुई है. ऊहापोह में पिछले पांच दिनों से प्रत्याशियों की सांस फूल रही है. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सोमवार को आना है. मंगलवार को विधान परिषद का चुनाव होना है. चुनाव होता है या नहीं इस पर भी सवाल है. चुनाव आयोग की तरफ से तिथि बढ़ाने की संभावना भी जतायी जा रही है. ऐसे में प्रत्याशियों की चुनावी रेस में ब्रेक लग गया है. जानकारों का मानना है कि नियमानुसार विधान परिषद को भंग नहीं किया जा सकता. ऐसे में प्रत्येक दो वर्ष पर एक तिहाई सीट पर चुनाव होना चाहिए था. चुनाव आयोग की तरफ से एक साथ 24 सीटों पर चुनाव कराये जाने को लेकर मामला हाइकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. बता दें कि हाइकोर्ट ने कहा था कि अब से ही रोटेशन बनाया जाये. यह तय हो कि दो साल, चार साल, छह साल का कार्यकाल आठ आठ सीटों पर तय कर चुनाव कराया जाये. पेच यह भी है कि चुनाव आयोग ने छह वर्ष के लिए चुनाव की अवधि की अधिसूचना जारी की है. अब सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला देता है, इस पर सिर्फ प्रत्याशी की ही नहीं, बल्कि अधिकारियों पर भी नजर टिकी हुई है.

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