रमजान में इत्र का है विशेष महत्व

इत्र के दामों में 15 से 25 फीसदी की उछालफोटो नं -7गोपालगंज. रमजान में इत्र का विशेष महत्व है. इत्र का इस्तेमाल आम दिनों के मुकाबले काफी बढ़ गया है. इत्र लगाना पैगंबर मोहम्मद साहब की सुन्नत में शामिल था. इसलिए इस महीने में इत्र की मांग भी आम दिनों के मुकाबले में काफी बढ़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2015 6:06 PM

इत्र के दामों में 15 से 25 फीसदी की उछालफोटो नं -7गोपालगंज. रमजान में इत्र का विशेष महत्व है. इत्र का इस्तेमाल आम दिनों के मुकाबले काफी बढ़ गया है. इत्र लगाना पैगंबर मोहम्मद साहब की सुन्नत में शामिल था. इसलिए इस महीने में इत्र की मांग भी आम दिनों के मुकाबले में काफी बढ़ गयी है. पिछले साल के मुकाबले इत्र के दामों में 15 से 25 फीसदी तक की उछाल आयी है. हर जुमे को इसे लगाना सुन्नत है और रमजान में इसका सवाब कई गुना बढ़ जाता है. यही वजह है कि इन दिनों इसकी मांग बढ़ गयी है. इत्र की खुशबू और गुणवत्ता ही इसका दाम तय करती है. जितनी अच्छी और देर तक खुशबू रहेगी, उसका दाम उतना ही ज्यादा होगा. बाहर से आनेवाले इत्र काफी महंगे बिकते हैं, क्योंकि वह एक्सपोर्ट क्वालिटी के होते हैं और इनकी खुशबू साधारण इत्र के मुकाबले काफी देर तक रहती है.जन्नतुल फिरदौस की डिमांडदुकानदार जावेद बताते हैं कि वैसे तो अपने शहर में विदेशी इत्र बहुत कम मिलते हैं, लेकिन बाहरी इत्र में सबसे ज्यादा मांग जन्नतुल फिरदौस की है. स्थानीय स्तर पर बननेवाले इत्र में सबसे ज्यादा मांग मजमुआ और मैगनेट की है. इसके अलावा भारत में निर्मित कई और इत्र बाजारांे में उपलब्ध हैं.इत्र की कीमत पर एक नजरइत्र पहले अबमजमुआ 33 56मैगनेट 25 38जन्नतुल फिरदौस 30 41हयाती 40 45माई च्वाइस 35 45इसके अलावा विदेशी इत्र खुशबू और गुणवत्ता के मुकाबले 300 से 1000 रु पये तक उपलब्ध हैं.

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