सुविधाएं नादारद सिर्फ नाम का जकशन
संवाददाता, थावे थावे रेलवे स्टेशन जहां से होकर कई ट्रेनें गुजरती हैं यह स्टेशन जिले का सबसे मुख्य स्टेशन माना जाता हैं जहां प्रत्येक माह हजारों यात्री सुदूर इलाके से मां भवानी के दर्शन के लिये यहां उतरते हैं. यात्री जब इस जकशन पर उतरते हैं तो कोई भी सुविधा नहीं मिलने पर उतरते हैं […]
संवाददाता, थावे थावे रेलवे स्टेशन जहां से होकर कई ट्रेनें गुजरती हैं यह स्टेशन जिले का सबसे मुख्य स्टेशन माना जाता हैं जहां प्रत्येक माह हजारों यात्री सुदूर इलाके से मां भवानी के दर्शन के लिये यहां उतरते हैं. यात्री जब इस जकशन पर उतरते हैं तो कोई भी सुविधा नहीं मिलने पर उतरते हैं तो कोई भी सुविधा नहीं मिलने पर दुखी हो जाते हैं. कहने को यह जकशन हैं और न हीं इस भीषण गरमी से बचने के लिये पंखा. और तो और बारिश की पानी को झेलने लायक यहां शेड भी नहीं सभी क्षतिग्रस्त हैं. शेड टूटने के वजह से पंखा भी उतार लिया गया है. कहीं बारिश का पानी से पंखे खराब न हो जाये. यात्रियों के लिये समय-सारणी डिस्पले बोर्ड भी नदारद है. यात्रियों को एक टूटी श्यामपट् पर लिखी सूचना पढ़ कर संतोष करना पड़ता है. जो विश्रामालय हैं यह यात्री नहीं गंदे पानी एवं आवारा कुत्तों का रहनुमा है. गंदगी एवं सुुविधाओं के अभाव में यह जकशन एक कलंक की तरह से हैं जहां आना, रूकना, तथा जाना सिर्फ मजबूरी में संभव होता है. समय से नहीं होने पर यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं.