रिटायर्ड शिक्षक ने दियारे में जला दी शिक्षा की लौ

गोपालगंज : गंडक नदी की त्रसदी ङोल रही दियारे की आबादी तब उच्च शिक्षा से वंचित थी. घटाटोप अशिक्षा ने इलाके के विकास को रोक दिया था. इलाके के युवा अपराध की तरफ जा रहे थे. इस बीच राजकीय मिडिल स्कूल से एचएम के पद से रिटायर्ड हुए शिक्षक गजाधर प्रसाद ने जादोपुर में 1998 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2015 12:49 AM
गोपालगंज : गंडक नदी की त्रसदी ङोल रही दियारे की आबादी तब उच्च शिक्षा से वंचित थी. घटाटोप अशिक्षा ने इलाके के विकास को रोक दिया था. इलाके के युवा अपराध की तरफ जा रहे थे. इस बीच राजकीय मिडिल स्कूल से एचएम के पद से रिटायर्ड हुए शिक्षक गजाधर प्रसाद ने जादोपुर में 1998 में स्कूल की आधारशिला रखी. तब इलाके के लोगों से सहयोग भी लिया गया.
स्कूल में गरीब बच्चों की नि:शुल्क पढ़ाई होने लगी. आज दियारे का माहौल बदला हुआ है. गोली और बारूद से खेलनेवाले बच्चों ने आज हाथों में कलम थाम ली है. सरकार ने विद्यालय को दो साल पहले मान्यता दे दी. अब इलाके के करीब तीन हजार बच्चे इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
गुरुजी को मिला था राष्ट्रपति पुरस्कार
शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करने पर शिक्षक गजाधर प्रसाद को वर्ष 1983 में राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है. इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बोधगया में सम्मानित किया था. जिला प्रशासन की ओर से आयोजित होनेवाले कार्यक्रम में भी इन्हें दो दर्जन से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं. प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस पर भी उन्हें सम्मानित किया जाता है.
सरपंच बन कर जनता की सेवा
सेंट्रल पब्लिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के संस्थापक गजाधर प्रसाद वर्तमान में जादोपुर शुक्ल के सरपंच भी हैं. सरपंच उनकी लोकप्रियता के कारण चुना गया. जिला साक्षरता के सचिव 2001 से 2004 तक रह चुके हैं. सरपंच बन कर वे जनता की सेवा भी कर रहे हैं. आज जिले भर में गुरुजी की लोकप्रियता कायम है.

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