बिना रश्वित दिये नहीं बन रहा प्रमाणपत्र
बिना रिश्वत दिये नहीं बन रहा प्रमाणपत्र सदर प्रखंड के कार्यालय पर कर्मियों की मनमानी से मुश्किल में छात्र अधिकारी से शिकायत करने के बाद भी नहीं ली जा रही सुध फोटो न. 2संवाददाता, गोपालगंज आरटीपीएस काउंटर पर रिश्वत के बगैर प्रमाणपत्र नहीं बन रहा है. छात्रों को जाति और आय प्रमाणपत्र बनवाने के लिए […]
बिना रिश्वत दिये नहीं बन रहा प्रमाणपत्र सदर प्रखंड के कार्यालय पर कर्मियों की मनमानी से मुश्किल में छात्र अधिकारी से शिकायत करने के बाद भी नहीं ली जा रही सुध फोटो न. 2संवाददाता, गोपालगंज आरटीपीएस काउंटर पर रिश्वत के बगैर प्रमाणपत्र नहीं बन रहा है. छात्रों को जाति और आय प्रमाणपत्र बनवाने के लिए पैसे देने पड़ रहे हैं. रिश्वत नहीं देने पर प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है. इसकी शिकायत करने पर जिम्मेवार अधिकारी भी नहीं सुनते. चुनाव में व्यस्त होने का बहाना बना कर जिम्मेवारी से मुकर रहे हैं. स्कूलों में बोर्ड परीक्षा फॉर्म भरने के लिए जाति और छात्रवृत्ति योजना का लाभ पाने के लिए आय प्रमाणपत्र मांगा जा रह है. इसके लिए छात्र ऑनलाइन और तत्काल प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आरटीपीएस काउंटर पर पहुंच पर रहे हैं. गुरुवार को सदर प्रखंड के आरटीपीएस काउंटर पर कमला राय कॉलेज के अधिकतर छात्र पहुंचे थे. छात्रों ने तत्काल सेवा काउंटर पर आय प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन अप्लाइ की. इसके लिए निर्धारित मापदंड को पूरा कर संबंधित अधिकारी से अनुमति लेकर काउंटर पर आवेदन जमा किया, जहां मौजूद कर्मियों के द्वारा आय प्रमाणपत्र बनाने के लिए बतौर रिश्वत 70 रुपये मांगा गया. छात्रों ने रिश्वत देने का विरोध किया. इसकी शिकायत संबंधित पदाधिकारी से की गयी. शिकायत करने के बाद सीओ कृष्ण मोहन ने काउंटर पर मौजूद कर्मी को तत्काल छात्रों का फॉर्म जाम करने का निर्देश दिया. इसके बावजूद कर्मियों ने बगैर रिश्वत के फॉर्म को जमा नहीं किया. छात्र अंकित कुमार, अनुज कुमार, राजू कुमार, अभिषेक किशोर ने आरोप लगाया कि पैसे देनेवाले छात्रों का फॉर्म तत्काल जमा कर लिया जा रहा था. छात्र इसकी शिकायत लिये जिलाधिकारी के पास पहुंचे, लेकिन समाहरणालय में उनके नहीं होने पर सभी वापस लौट गये. क्या कहते हैं सीओ अंचल पदाधिकारी कृष्ण मोहन ने कहा कि मुझे किसी ने लिखित शिकायत नहीं मिली है. आरटीपीएस काउंटर पर प्रमाणपत्र नि:शुल्क बनाना है. प्रमाणपत्र के नाम पर रुपये लेने के मामले की जांच करायी जायेगी. मामला सही पाया गया, तो दोषी कर्मी पर कार्रवाई की जायेगा.