बैकुंठपुर को है बैकुंठधाम का इंतजार
बैकुंठपुर को है बैकुंठधाम का इंतजार नारायणी के किनारे बैकुंठधाम बनाने के लिए किया गया था वादाडुमरिया घाट पर प्रतिदिन तीन दर्जन शवों का होता है अंतिम संस्कारइलेक्ट्राॅनिक शवदाह गृह बनाये जाने से ही नारायणी की रहेगी निर्मलताफोटो-17 बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्रचुनावी मुद्दासंवाददाता, महम्मदपुरनारायणी नदी की कल कल करती धारा अपनी निर्मलता की प्रतिक है. अपने […]
बैकुंठपुर को है बैकुंठधाम का इंतजार नारायणी के किनारे बैकुंठधाम बनाने के लिए किया गया था वादाडुमरिया घाट पर प्रतिदिन तीन दर्जन शवों का होता है अंतिम संस्कारइलेक्ट्राॅनिक शवदाह गृह बनाये जाने से ही नारायणी की रहेगी निर्मलताफोटो-17 बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्रचुनावी मुद्दासंवाददाता, महम्मदपुरनारायणी नदी की कल कल करती धारा अपनी निर्मलता की प्रतिक है. अपने गौरवमयी इतिहास को अपने में समेटे हुई नारायणी लोगों की मोक्षदायनी बनी हुई है. विष्णु पुराण इस बात का साक्षी है कि नारायणी दर्शन मात्र से मनुष्य के सारे पाप नाश हो जाते हैं. नारायणी नदी में ही शालिग्राम वास करते हैं. यहां से ही पूरे देश को कसौटी का पत्थर प्राप्त होता है. आज नारायणी की निर्मलता के साथ शासन: प्रशासन और आम आदमी अत्याचार कर रहा है. हम आपको ले चलते हैं डुमरिया घाट पर, जहां पुल के नीचे खड़ा होकर देखें. आपको वह दृष्य दिखेगा जिसका कल्पना आप नहीं कर सकते. यहां अधजले शव को नदी में प्रवाह कर दिया जाता है. कैसे बचेगी नारायणी की निर्मलता. पिछले कई चुनावों से यहां इलेक्ट्राॅनिक शवदाह गृह बनाने का वादा जाता रहा है. चुनाव के समय नारायणी की पीड़ा नेताओं को याद आती है. चुनाव के बाद वादे भी भूल जाते हैं. गरीबों के पास इतना पैसा भी नहीं होता कि वे शव जलाने के लिए पर्याप्त लकड़िया खरीद सके. लकड़ी की कमी के कारण ही यहां शव को अध जली स्थिति में नदी में बहा देना मजबूरी बन जाती है. शवदाह गृह बनता, तो लोगों के मृत शरीर को भष्म बनाने में आसानी होती एवं पर्यावरण भी सुरक्षित रहता. लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की तरफ से शवदाह गृह बनाने का वादा किया गया था. चुनाव का एक साल बीत गया. आज तक लोगों को यहां बैकुंठधाम का इंतजार है. क्या कहते हैं आम आदमीचुनाव में हर दल को बैकुंठधाम बनाने की याद आती है. अगर प्रयास किया गया होता, तो डुमरिया घाट पर जरूर बैकुंठधाम का इंतजाम हुआ रहता. चुनाव जीतने के बाद किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. अपने वादे को भी भूला दिया गया. इस बार चुनाव में जनता हिसाब मांगेगी.फोटो-18, विपिन बिहारी सिंह, सिरसा क्या कहते हैं निवर्तमान विधायकडुमरिया में बैकुंठधाम बनाने का वादा मैंने कभी नहीं किया. मैंने वहां बैकुंठधाम बनाने के लिए सरकार के स्तर पर पूरी तैयारी कर ली थी. विस चुनाव के बाद डुमरिया में शवदाह गृह बनाने का काम पूरा होगा. इसमें नया कुछ नहीं करना है. सब कुछ पहले हो चुका है.फोटो-19, मंजीत कुमार सिंह