नीतीश लालटेन की टिमटिमाती रौशनी में ढूंढ रहे हैं जंगलराज : मोदी

नीतीश लालटेन की टिमटिमाती रौशनी में ढूंढ रहे हैं जंगलराज : मोदीसंवाददातापटना. भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार लालटेन की टिमटिमाती रौशनी में जंगलराज ढूंढ रहे हैं . सुबे में अपराध चरम पर है. अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि पटना में एएसपी और उनके बॉडीगार्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2015 7:59 PM

नीतीश लालटेन की टिमटिमाती रौशनी में ढूंढ रहे हैं जंगलराज : मोदीसंवाददातापटना. भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार लालटेन की टिमटिमाती रौशनी में जंगलराज ढूंढ रहे हैं . सुबे में अपराध चरम पर है. अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि पटना में एएसपी और उनके बॉडीगार्ड पर गोलीबारी करने के एक पखवारे के भीतर ही रोहतास के एएसपी मो. सोहेल अहमद को भी अपना निशाना बना लिया. मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा के सिलाव में दिन दहाड़े एक महिला से दुष्कर्म हुआ और पांच घंटे तक पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने से आनाकानी करती रही.चम्पारण के शिकारपुर थाने के एक गांव में एक नाबालिग विकलांग लड़की के साथ बलात्कार की घटना घटी. पिछले महीने नालंदा के ही नगरनौसा के थाना प्रभारी की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. यह जंगलराज नहीं तो और क्या है. श्री मोदी ने कहा कि 16 अक्तूबर को सारण जिला अन्तर्गत मशरक की एक स्कूली छात्रा के साथ दिनदहाड़े गैंगरेप की घटना घटी. प्रतिदिन बलात्कार की औसतन तीन से चार घटनाएं घट रही हैं. 2005 में जहां बलात्कार की 974 घटनाएं घटी थी वहीं 2013 में यह बढ़ कर 1128 हो गई. आजादी के बाद बिहार में किसी एक साल में घटी बलात्कार की यह सर्वाधिक घटना है. राजधानी पटना के हाई सेक्युरिटी जोन छज्जुबाग में 6 अक्तूबर को फुलवारीशरीफ के एएसपी राकेश कुमार और उनके बॉडीगार्ड पर अपराधियों की गोलीबारी के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि अपराधी पाताल में भी होंगे तो ढूंढ निकाला जायेगा. एक पखवारे के बाद भी पुलिस को अपराधियों की कोई सुराग नहीं मिल पाई है. नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि क्या यही उनका कानून का राज है. पटना, नालंदा से लेकर रोहतास तक जब पुलिस के आला अधिकारी ही सुरक्षित नहीं है तो फिर आम जनता की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा. नीतीश कुमार को लालटेन की पेंदी के अंधेरा में भले ही बिहार में आए जंगलराज के भयावह चेहरे को नहीं देख नहीं पा रहे हैं, मगर बिहार की जनता इसकी आहट मात्र से ही डरी–सहमी हैं. लालू प्रसाद से हाथ मिलाने के साथ ही आपके कानून के राज के तमाम दावों की हवा निकल चुकी है. इस बार बिहार की जनता किसी भी कीमत पर जंगलराज को लौटने नहीं देगी.

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