पीसीबी को दिसंबर में सीरीज की उम्मीद
पीसीबी को दिसंबर में सीरीज की उम्मीदकराची. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी नजम सेठी ने कहा है कि यूएइ में दिसंबर में भारत और पाकिस्तान के बीच होनेवाली द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज के आयोजन की उम्मीद अब भी बची है. पीसीबी की कार्यकारी समिति के प्रमुख सेठी ने इस खबरों को भी अधिक तवज्जो नहीं […]
पीसीबी को दिसंबर में सीरीज की उम्मीदकराची. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी नजम सेठी ने कहा है कि यूएइ में दिसंबर में भारत और पाकिस्तान के बीच होनेवाली द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज के आयोजन की उम्मीद अब भी बची है. पीसीबी की कार्यकारी समिति के प्रमुख सेठी ने इस खबरों को भी अधिक तवज्जो नहीं दी कि बीसीसीआइ ने मुंबई में पाकिस्तान क्रिकेट प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किये जाने के बावजूद मेजबान होने की जिम्मेदारी नहीं निभायी. सेठी ने एक पाक चैनल से कहा, ‘मुझे लगता है कि भारतीय बोर्ड भी चाहता है कि सीरीज हो. अगर वे नहीं चाहते, तो वे हमें मुंबई में बातचीत के लिए आमंत्रित ही नहीं करते. यह माना जा सकता है कि भारतीय बोर्ड दबाव में आ गया, जब शिव सेना के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के बोर्ड के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और उन्होंने सोचा होगा कि यह बेहतर है कि इस समय पीसीबी प्रतिनिधिमंडल से बातचीत नहीं की जाए.’उन्होंने कहा, ‘लेकिन उन्होंने हमें हवाई अड्डे तक सुरक्षा मुहैया करायी, जब मैं और सुभान (मुख्य संचालन अधिकारी) सोमवार को मुंबई से दुबई के लिए रवाना हुए.’ सेठी ने साथ ही कहा कि बीसीसीआइ एक अधिकारी के जरिये उन्हें सूचना देता रहा. पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान के स्वदेश में प्रेस कांफ्रेंस करके भारत की यात्रा के दौरान मेहमाननवाजी नहीं होने के संदर्भ में दिये बयान के बारे में पूछने पर सेठी ने कहा कि वह इस पूर्व राजनयिक के नजरिये को समझ सकते हैं क्योंकि वे निराश थे कि बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर ने उन्हें सीधे फोन नहीं किया.सेठी हालांकि इस बात से सहमत दिखे कि भारतीय बोर्ड और सरकार को शिव सेना के विरोध और भारत में पाकिस्तानी नागरिकों को खतरे पर गंभीरता से गौर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर यह छवि बनती है कि भारतीय बोर्ड और सरकार अतिवादियों के एक समूह के खिलाफ मजबूर है, तो समस्या होगी क्योंकि भारत को अगले साल विश्व टी-20 की मेजबानी करनी है.’ सेठी ने कहा कि पाकिस्तानी अंपायर अलीम दार को वापस बुलाने का आइसीसी का फैसला भारतीय क्रिकेट पर दाग है.