30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

झूठ साबित करने के लिए आरक्षण कटौती में नीतीश का नाम घसीटा : पवन वर्मा

झूठ साबित करने के लिए आरक्षण कटौती में नीतीश का नाम घसीटा : पवन वर्मासंवाददाता,पटनाजदयू सांसद पवन कुमार वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धार्मिक आधार पर आरक्षण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम लिये जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने झूठ की पुष्टि के लिये यह वात की है. जिस ढंग […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

झूठ साबित करने के लिए आरक्षण कटौती में नीतीश का नाम घसीटा : पवन वर्मासंवाददाता,पटनाजदयू सांसद पवन कुमार वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धार्मिक आधार पर आरक्षण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम लिये जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने झूठ की पुष्टि के लिये यह वात की है. जिस ढंग से उन्होंने पांच प्रतिशत आरक्षण कटौती में परचा दिखाया वह झूठ का दस्तावेज था जिसका प्रधानमंत्री ने खुलासा नहीं किया. 2005 में लोकसभा में गैर सरकारी वित्त प्राप्त संस्थाओं को लेकर बहस हुई थी जिसमें नीतीश कुमार ने कहा था कि संसद सर्वोच्च है. न्यायपालिका संविधान की व्याख्या करती है तो उसका यह अधिकार है. पर अगर संसद गरीब-वंचित समाज, खासकर उसमें दलित समाज में हर धर्म के लोगों के लिये कुछ सकारात्मक कर सकती है. उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के अमित शाह ने नयी नौकरी ढूंढ़ना शुरू कर दिया है. सदाकत आश्रम में महागंठबंधन की ओर से शुक्रवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में श्री वर्मा ने प्रधानमंत्री से पांच पांच सवाल पूछे. प्रधानमंत्री द्वारा बिहार के लोगों को बिकाऊ कहने पर कहा कि यहां के लोग बिकाऊ नहीं हैं पर पीएम, अमित शाह व भाजपा ने उनको खरीदने की जरूर कोशिश की है. अब उनको यह बताना चाहिए कि गंगा की पानी की तरह जो पैसा बहाया है वह कहां से आया है. स्टिंग आपरेशन में जेडीयू के मंत्री का नाम आने पर अविलंब कार्रवाई की गयी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि जब तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष बंडारु लक्ष्मण को रक्षा सौदे में घूस लेते हुए पकड़ा गया था तो श्री मोदी ने उनका पक्ष लेते हुए कहा था कि उपहार लेना गलत नहीं है. महंगाई व दाल की कीमत की बात हो रही है तो भाजपा व श्री मोदी को बताना चाहिए दाल के आयात में अड़ानी से कोई समझौता हुआ है? इस समझौते में कितना का फायदा हुआ है. अमित शाह को यह बताना चाहिए कि प्रधानमंत्री व भाजपा गिरिराज सिंह का अनुयायी बन गयी है. गिरिराज सिंह कहते हैं कि नरेंद्र मोदी को पसंद नहीं करने वाले पाकिस्तानी है, उसी तर्ज पर ये लोग कह रहे हैं कि महागंठबंधन को वोट देनेवाले पाकिस्तानी बन गये है. आगर विशेष राज्य का दर्जा प्रधानमंत्री नहीं देते हैं तो उनको इसके लिये माफी मांगनी चाहिए. मोहन भागवत के बयान की भर्त्सना की पर वीके सिंह के सवाल पर नहीं बोले. बेटी देने में शर्म नहीं आती महागंठबंधन को वोट पड़ने पर होती है परेशानी : बाघेलागुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह बाघेला ने भाजपा पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा की झूठ भी सुनकर शर्म आती है. 2002 से समाज को बांटने वाली वहीं बात कर रहे हैं जिसका यहां के चुनावों में जिक्र किया जा रहा है. बेटी मुसलमानो को देनी है तो उनको शर्म नहीं आती पर जब महागंठबंधन को मुसलमान वोट करते हैं तो उनमें छटपटाहट बढ़ जाती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न अतिपछड़ा हैं और नहीं चाय बेचकर जिंदगी गुजारने वाले. 2001 में मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने सिफारिश करके ढांची जाति को अतिपिछड़ा में शामिल कराया. जब वह मुख्यमंत्री थे तो कच्छ की कई जातियों को अनुसूचित जनजाति से बाहर कर अतिपिछड़ा में करने का काम किया. वोट मांगने के सिवा प्रधानमंत्री बिहार कितनी बार आये हैं. वह ओछी बातें करते है. बिशेष पैकेज की बात करते हैं तो क्या यह उनके बाप का पैसा है जिसे देने की बात कर रहे हैं. जिस गुजरात मॉडल की बात की जा रही है वह बकवास है. सच तो यह है कि गुजरात में जन्म लेनेवाले को जन्म लेते ही 35 हजार का कर्ज हो जाता है. देश के सबसे ज्यादा कर्ज रखने वाले राज्यों में गुजरात करीबन दो लाख करोड़ कर्ज के साथ सबसे ऊपर है. शिक्षा के क्षेत्र में देश में 14 वें स्थान पर, स्वास्थ्य क्षेत्र में चौथे स्थान पर, एमएमआर में 11 वें, व आइएमआर में 16 वें स्थान पर, लिंगानुपात में 23 वें और साक्षरता में 20 वें स्थान पर है. गुजरात में 25 लाख शिक्षित बेकार हैं. गुजरात में महिलाएं पानी के लिए चार-पांच किलोमीटर जाती है. राज्य में करीब नौ लाख से अधिक किसान खेत में बिजली कनेक्शन के लिए इंतजार कर रहे हैं. गुजरात में चार-पांच करोड़पति विकसित हो रहे हैं. पाटीदार समुदाय की स्थिति खराब है. कोई महिला मंगलसूत्र पहन कर घर के बाहर नहीं निकल सकती है. राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो मनोज झा ने बताया कि गरीबो दलितो की गोलबंदी ने एनडीए की बेचैनी बढ़ा दी है. प्रधानमंत्री के भाषण में शालीनता का क्षरण हुआ है. संविधान की धाराओं को झूठा बता रहे हैं. आरक्षण पर अगर उनको हिम्मत है तो चौथे चरण के पहले भागवत की भर्तस्ना करे और गोलवलकर की किताब को जेपी गोलंबर के पास सार्वजनिक रूप से जलावे. इस मौके पर कांग्रेस के नेताओं में चंदन यादव व एचके वर्मा मौजूद थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

अन्य खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels