मनरेगा पर ठीक तरीके से अमल नहीं होने के मामले में केंद्र को नोटिस

मनरेगा पर ठीक तरीके से अमल नहीं होने के मामले में केंद्र को नोटिस सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के तहत समय से पारिश्रमिक और मुआवजे के भुगतान और दूसरी जिम्मेदारियों के मामले में ठीक से अमल नहीं होने से संबंधित एक जनहित याचिका का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2015 6:58 PM

मनरेगा पर ठीक तरीके से अमल नहीं होने के मामले में केंद्र को नोटिस सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के तहत समय से पारिश्रमिक और मुआवजे के भुगतान और दूसरी जिम्मेदारियों के मामले में ठीक से अमल नहीं होने से संबंधित एक जनहित याचिका का सोमवार को संज्ञान लिया और इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब तलब किया. प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति अमिताव राय के खंडपीठ ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए कहा, राज्यों को सजग होना चाहिए और तत्परता से भुगतान करना चाहिए. पीठ ने वकील प्रशांत भूषण को बीच में टोकते हुए कहा, यह पारिश्रमिक और मुआवजे के भुगतान में विलंब से संबंधित मसला है. भूषण इस मामले में और दलीलें पेश करना चाहते थे. पीठ ने कहा, हमने और कुछ सुने बगैर ही पहले नोटिस जारी कर दिया है. यदि आप कुछ और दलीलें पेश करना चाहते हैं, तो उन्हें सुनवाई की अगली तारीख के लिए बचा कर रखिए. शीर्ष अदालत सूचना के अधिकार की कार्यकर्ता अरुणा राय, सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे और पूर्व नौकरशाह ललित माथुर की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में मरनेगा के लिए एक स्वतंत्र सोशल ऑडिट इकाई गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध गया है. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मरनेगा) में व्याप्त अनियमितताओं ने ग्रामीण भारत के लोगों के लिए आजीविका मुहैया कराने के उद्देश्य को ही निरर्थक बना दिया है. याचिका में कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रभावी तरीके से इस पर अमल नहीं करने के कारण यह कानून निष्प्रभावी हो गया है. याचिका में 2008 के कार्यान्यवयन दिशानिर्देशों में की गयी परिकल्पना के अंतर्गत मांग पर आधारित धन उपलब्ध कराने की व्यवस्था बहाल की जाये.

Next Article

Exit mobile version