दरभंगा में छपा भाजपा का वज्ञिापन सत्यता से परे : महागंठबंधन

दरभंगा में छपा भाजपा का विज्ञापन सत्यता से परे : महागंठबंधन महागंठबंधन ने राज्य के मुख्य निर्वाचण पदाधिकारी को सौंपा ज्ञापनभाजपा का विज्ञापन पुलिस का मनोबल तोड़ने वाला और राष्ट्र विरोधीसंवाददाता, पटनाभाजपा की ओर से चुनाव आयोग के आदेशों के लगातार उल्लंघन के खिलाफ महागंठबंधन के नेताओं ने बुधवार को पटना में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2015 7:13 PM

दरभंगा में छपा भाजपा का विज्ञापन सत्यता से परे : महागंठबंधन महागंठबंधन ने राज्य के मुख्य निर्वाचण पदाधिकारी को सौंपा ज्ञापनभाजपा का विज्ञापन पुलिस का मनोबल तोड़ने वाला और राष्ट्र विरोधीसंवाददाता, पटनाभाजपा की ओर से चुनाव आयोग के आदेशों के लगातार उल्लंघन के खिलाफ महागंठबंधन के नेताओं ने बुधवार को पटना में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा. महागंठबंधन की ओर से गये प्रतिनिधिमंडल में जदयू के राज्यसभा सांसद पवन वर्मा, राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो, मनोज झा, कांग्रेस के प्रवक्ता चंदन यादव मौजूद थे. ज्ञापन सौंपने के बाद जदयू सांसद पवन वर्मा ने कहा भाजपा जिस प्रकार विज्ञापन निकलवा रही थी, वह सही नहीं था. इसलिए चुनाव आयोग ने भी वैसे विज्ञापनों पर रोक लगा दिया और किसी प्रकार के विज्ञापन छापने से पहले उसकी प्रति उन्हें देने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद भाजपा ने एक अखबार के दरंभगा संस्करण में विज्ञापन छापा है. जिसमें बिहार सरकार के लिए कहा गया है कि ”यासीन भटकल जैसे कुख्यात आतंकवादी को आपकी पुलिस हिरासत में लेने से इनकार कर देती है”. महागंठबंधन ने अपने ज्ञापन में कहा है कि पांचवे व अंतिम चरण के लिए पांच नवंबर को 57 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने जा रहा है. सीमांचल क्षेत्र में अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है कि विभिन्न समुदायों के बीच नफरत और दुर्भावना है. राजनीतिक वातावरण को दूषित करने के उद्देश्य से ऐसा किया जा रहा है. यह झूठ है. भाजपा वोट के ध्रुवीकरण के लिए समुदायों के बीच जानबूझ कर नफरत का बीच बोने का प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने ही यासीन भटकल को गिरफ्तार करवाया और एनआइए को सौंपा था. बहादुरी के इस काम के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को राजग सरकार द्वारा राष्ट्रपति पुरस्तार मिला है. भाजपा की ओर से दिये गये विज्ञापन से आचार संहिता के साथ-साथ कानून का उल्लंघन होता है. साथ ही पुलिस के मनोबल को तोड़ने वाला और राष्ट्र विरोधी है. महागंठबंधन ने चुनाव आयोग से मांग किया है कि जिन क्षेत्रों में चुनाव होने वाले वहां के अखबारों के संस्करणों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी प्रतिबंधित विज्ञापन नहीं छपवाएं जायें और ना ही दिखाये जायें. चुनाव आयोग पांचवे चरण के लिए यह सुनिश्चित करे. इसके अलावा जो भी चुनाव आयोग के आदेशों को उल्लंघन करता है तो उनपर कड़ी कार्रवाई की जाये. महागंठबंधन ने फिर से आशंका जताया है कि पांचवें चरण के दौरान भी एनडीए चुनाव क्षेत्र में अशांति फैला सकती है. इसलिए आयोग अंतिम चरण में भी सतर्क रहे और शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराये.

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