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असहष्णिुता को बढ़ावा देने वाली भाजपा को पांचवे चरण में मिलेगी करारी शिकस्त :भाकपा

असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाली भाजपा को पांचवे चरण में मिलेगी करारी शिकस्त :भाकपा असहिष्णुता देश के संविधान और जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को चुनौती दे रहा : सत्य नारायण सिंहसंवाददाता, पटना असहिष्णुता हमारे संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है. बिहार के मतदाता इसको ध्यान में रखकर मतदान करेंगे और असहिष्णुता को बढ़ावा देने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2015 7:13 PM

असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाली भाजपा को पांचवे चरण में मिलेगी करारी शिकस्त :भाकपा असहिष्णुता देश के संविधान और जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को चुनौती दे रहा : सत्य नारायण सिंहसंवाददाता, पटना असहिष्णुता हमारे संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है. बिहार के मतदाता इसको ध्यान में रखकर मतदान करेंगे और असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाली भाजपा और उसके गठबंधन को पांचवे चरण में कड़ी शिकस्त देंगे. उक्त दावा बुधवार को भाकपा के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने किया है. उन्होंने कहा है कि पांच नवम्बर को अंतिम चरण में मतदान करते वक्त मतदाताओं के सामने भाजपा–आरएसएस और उनके संघ परिवार की असहिष्णुता का मुद्दा जरूर होगा. असहिष्णुता सीधे–सीधे देश के संविधान और जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को चुनौती दे रहा है. जिस वक्त बिहार में विधान सभा चुनाव के लिए मतदान चल रहा है, उसी वक्त पूरे देश में असहिष्णुता के बचाव और विरोध में भीषण विवाद छिड़ा हुआ है. उन्होंने कहा है कि इस विवाद की शुरूआत कर्नाटक के धाखाड़ में अगस्त में कन्नड़ विद्वान, हम्पी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रो. एमएम कलबुर्गी की जघन्य हत्या के विरोध में हुई थी. इसके बाद कम्युनिस्ट नेता गोविन्द पानसरे और डा. नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या हुई. तीनों अंधविश्वास के खिलाफ प्रचार करने वाले तर्कवादी थे. उनकी हत्या के पहले अंधविश्वास के खिलाफ प्रचार बंद करने या परिणाम भुगतने की धमकी दी गयी थी. तीनों हत्याओं में सनातन संस्था नाम के हिन्दुत्वादी संगठन का हाथ था. आज असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठाने वालों का तांता लग गया है. इसमें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल रामदास, इनफोसिस के संस्थापक उद्योगपति नारायण मू्र्ति से लेकर सैकड़ों कलाकार, फिल्मकार, इतिहासकार और वैज्ञानिक भी शामिल हैं.

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